Kanpur News: मां अपने दूध से दूसरे बच्चें को देंगी जीवन दान, मां अपना दूध भी कर सकेगी डोनेट
Kanpur News: मेडिकल कॉलेज को कंगारू मदर केयर सेंटर बनाने की अनुमति मिल गई है। यह दूध से लावारिस बच्चों और जो कमजोर बच्चे होते हैं। उनके लिए अमृत साबित होगा।
Kanpur News: कानपुर मेडिकल कॉलेज में मां अपना दूध भी दान कर सकती है। मेडिकल कॉलेज को कंगारू मदर केयर सेंटर बनाने की अनुमति मिल गई है। यह दूध से लावारिस बच्चों और जो कमजोर बच्चे होते हैं। उनके लिए अमृत साबित होगा। वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की टीम "कंगारू मदर केअर" के तहत यहां पर शोध कार्य भी शुरू कर दिया है।
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मां का दूध बहुत अनमोल
जो बच्चे मां का दूध नहीं पीते हैं। वह बहुत ही कमजोर होते हैं। मानसिक क्षमता भी उतनी मजबूत नहीं होती है। ऐसे में हर बच्चे को मां का दूध और उनका प्यार मिल सके इसके लिए मेडिकल कॉलेज ने आगे कदम बढ़ाया है। बाल रोग विभाग के डॉ. यशवंत कुमार राय ने बताया कि अपनी इच्छा अनुसार मां अपना दूध डोनेट करेगी और उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
समय से पहले जन्मे बच्चें को होती है मां की दूध की जरूरत
डॉ. रॉय ने बताया कि केंद्र में महिलाओं ने आकर बढ़-चढ़कर योगदान किया तो हम किसी भी नवजात बच्चे को डिब्बे वाला या जानवरों का दूध नहीं देंगे। लावारिस हालत में बच्चा आता है या फिर मां की स्थिति गंभीर होती है। तो ऐसे में मजबूरी में एक नवजात बच्चे को डिब्बे वाला दूध पिलाना पड़ता है। वह उसकी सेहत के लिए भी अच्छा नहीं होता है।
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दुनिया मे बच्चे समय से पहले जन्म लेने के कारण अपनी जान गवां देते है। इस संख्या को कम करने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और कम्युनिटी एम्पोवेरन्मेंट लैब (CEL) के संयुक्त तत्वाधान में एक शोध के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज को चुना गया।
बच्चें की पहली डॉक्टर मां
मेडिकल साइंस ने दशकों के शोध के बाद पाया कि एक नवजात बच्चे के लिए सबसे बड़ी डॉक्टर मां होती है। जैसे कंगारू अपने बच्चे को चिपका कर रखती, अगर मां रखे तो बच्चा जल्दी ठीक होता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार आर्या ने बताया कि नवजात बच्चे को कब, कितना और क्या फीड कराया जाए। इसका भी पता लगाया जाएगा कि नवजात बच्चों में किस तरह की दिक्कतें आ रही है। इसको भी जानने का प्रयास किया जाएगा। कैसे दूर किया जाए इस पर शोध के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज में पूरा इंतजाम कर लिया गया है।
LMU से मिल चुकी है अनुमति
मेडिकल कॉलेज को लैक्टोसेन्ट मैनेजमेंट यूनिट (LMU) के लिए सरकार से अनुमति मिल गई है। असल मे बहुत से मां ऐसी होती है, जिनके दूध जरूरत से ज्यादा बनता है। ऐसा दूध बेकार ही जाता है। ऐसे में मां अपना दूध डोनेट कर पाएंगी और उन बच्चों को यह दूध मिल पायेगा जिनकी मां नहीं है या फिर जिनकी मां के दूध नही हो पाता।