Kanpur News: सर्दी में बढ़ी दिल और सांस के रोगियों की मुश्किलें, अस्पतालों में बढ़ी भीड़

Kanpur News Today: रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान में ठंड के चलते मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। जिसके चलते बीते शनिवार को 700 से अधिक लोग इलाज के लिए पहुंचे;

Report :  Avanish Kumar
Update:2025-01-05 13:41 IST

Kanpur News Today Difficulties of Heart and Respiratory Patients

Kanpur News in Hindi: कानपुर, सर्दी का मौसम आते ही सांस और दिल के मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल और कार्डियोलॉजी संस्थान में मरीजों की संख्या में अचानक इज़ाफा देखा गया है। खासकर, दिल और फेफड़े से जुड़ी समस्याओं के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्डियोलॉजी संस्थान में 45 मरीजों को दिल से संबंधित समस्याओं के कारण इमरजेंसी में लाया गया, जिनमें हार्ट अटैक के मरीज अधिक थे। इसके अलावा, 50 मरीजों को अस्पताल में भर्ती भी किया गया।

रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान में ठंड के चलते मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। जिसके चलते बीते शनिवार को 700 से अधिक लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से ज्यादातर को हृदय, बीपी और हाइपरटेंशन की समस्याएं थीं। सर्दी के कारण 45 मरीजों को दिल से संबंधित समस्याएं आईं और उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया गया। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में भी स्थिति गंभीर रही, जहां एक हजार से अधिक मरीज पहुंचे। इनमें नए और पुराने दोनों प्रकार के मरीज थे। यहां भी सर्दी के कारण सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में समस्या और निमोनिया जैसी समस्याएं देखने को मिलीं।

डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी में श्वास नली सिकुड़ने लगती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में मरीजों को ओपीडी में परामर्श के साथ-साथ सर्दी से बचाव की सलाह दी जा रही है। नियमित दवा का सेवन और धूल-धुंआ से बचाव पर विशेष जोर दिया जा रहा है, क्योंकि ये तत्व दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े पहनना और बाहर धूल-धुंए से बचना बेहद जरूरी है।

मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के डॉ. आनंद कुमार के मुताबिक, ज्यादा सर्दी से श्वास नली सिकुड़ने लगती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। साथ ही, जिन लोगों को पहले से चेस्ट इंफेक्शन है, उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है। खासकर बच्चों को सुबह और शाम के समय बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है।

कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि हार्ट अटैक और नसों के ब्लॉक होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से वंशानुगत कारण और धूम्रपान प्रमुख हैं। बीड़ी, सिगरेट और हुक्का का धुआं नसों में जमा होकर खून के बहाव को कम कर देता है, जिससे नसें ब्लॉक हो जाती हैं। शारीरिक व्यायाम की कमी और असंतुलित आहार भी हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं।

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