Kanpur News: सीएसजेएम कानपुर दीक्षांत समारोह में 55 छात्र -छात्राओं को 98 पदक मिले तो खिले चेहरे, "चांद के पार, यूपी के होनहार" पुस्तक का विमोचन

Kanpur News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में 38वें दीक्षांत समारोह में 55 छात्र छात्राओं को 98 पदक दिए गए। इस साल दो कुलाधिपति स्वर्ण पदक भी दिए गए।

Report :  Anup Pandey
Update: 2023-09-28 12:15 GMT

सीएसजेएम कानपुर दीक्षांत समारोह में 55 छात्र -छात्राओं को 98 पदक मिले तो खिले चेहरे: Photo-Newstrack

Kanpur News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में 38वें दीक्षांत समारोह में 55 छात्र छात्राओं को 98 पदक दिए गए। इस साल दो कुलाधिपति स्वर्ण पदक भी दिए गए। त्रियुगी नारायण महाविद्यालय कानपुर देहात की छात्रा श्वेता साहू और डीबीएस कॉलेज के छात्र जीत शर्मा को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

छोटे-छोटे विश्वविद्यालय से निकले बच्चों ने करा दी चंद्रयान-3 की लैंडिंग

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में कहा कि आज जो बच्चे इस समारोह में पदक पाए हैं। वह भारत का भविष्य है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग जिन्होंने कराई है वह लोग भी छोटे-छोटे विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले हैं। इसलिए कोई अपने को कमजोर ना समझे। पढ़ाई करने मात्र से ही संतोष नहीं मिल पाता है। रतन टाटा से लोगों ने पूछा कि आपको संतोष कब मिलता है तो उन्होंने कहा कि पहले मैंने सोचा कि पैसा कमा लूं लेकिन मुझे तब संतोष नहीं मिला। फिर मुझे दक्षिण अफ्रीका के एक ऑयल का प्रोजेक्ट मिला।


एक दिन एक एनजीओ के लोग मेरे पास आए और कहा कि हमारे बच्चों को 500 व्हीलचेयर दे दे। मैंने उन्हें व्हीलचेयर उपलब्ध करा दी, जब मैं उस कार्यक्रम में पहुंचा तो वहां सभी बच्चे व्हीलचेयर में बैठे थे और उनकी मुस्कुराहट को देखकर तब मेरे दिल को संतोष हुआ कि जो भी कुछ मैंने किया वह आज मेरा सफल हो गया। इसी तरह इस विश्वविद्यालय के बच्चों को भी संकल्प लेना चाहिए कि जब तक आप किसी को उंगली पड़कर आगे नहीं ले जाएंगे तब तक आपके दिल को संतोष नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आप किसी भी मंच पर पहुंच जाएं लेकिन यह याद रखें कि अपने माता-पिता का सम्मान कभी ना भूले। हमारी शिक्षा की शुरुआत ही वहीं से होती है।

किसी विश्वविद्यालय को NRF और वर्ल्ड रैंकिंग में आना है तो वह प्रदेश की अलग-अलग विश्वविद्यालय के साथ MOU करें। रैंकिंग में आने के लिए MOU बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश के बाहर की विश्वविद्यालय से भी MOU करें। इसका बहुत असर पड़ता है, जो रैंक देने वाले हैं उनसे भी हमेशा संपर्क में रहे। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सबसे ज्यादा युवा अपने भारतवर्ष में है। 35 से कम उम्र वाले 65% लोग हैं। पूरे विश्व की निगाह आज हमारे भारत के युवाओं पर है। आपका काम ही आपका अवार्ड है।

युवाओं की भूमिका अहम

उच्च शिक्षा विभाग की राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि आज हमारा देश को आगे बढ़ाने में युवाओं की भूमिका बहुत अहम है। उनके जीवन में कुछ ना कुछ बदलाव हो इस ओर केंद्र व प्रदेश की सरकार काम कर रही है। ऐसी-ऐसी योजना आ रही है। चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, सुमंगला योजना हो, आयुष्मान योजना हो या कोई भी अन्य योजना हो। आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा में सुधार हुआ है।

उच्च शिक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा हर कोई प्राप्त कर सकता है। कोरोना काल में शिक्षा को लेकर जो सरकार ने बदलाव किया आज वह शिक्षा नीति में आ गया है। शिक्षा को रोजगार, संस्कृति और तकनीकी से जोड़ा जाना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना नहीं है।एक किताब तक सीमित ना रहे। हमको किताब से बाहर भी निकाल कर सामाजिक चीजों को पढ़ना जरूरी है, जब तक हम समाज से नहीं जुड़ेंगे तब तक हमारी शिक्षा बेकार है।


चुनौतियों से लड़ने की दक्षता युवाओं में

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हनी बी नेटवर्क के संस्थापक व पदमश्री अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि यहां बैठे हर युवाओं के अंदर वह दक्षता है जो देश की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। आप यह न सोचे कि ज्ञान वह है जो विश्वविद्यालय के अंदर प्राप्त करते हैं। बाहर की दुनिया में भी बहुत बड़ा ज्ञान है।

खेल में किए गए सम्मानित

हम अपने मन में वस्तुओं की जगह कम करके विचारों की जगह बनाए तो बेहतर होगा। यह काम वही कर सकता है जिसमें जिद होगी, क्योंकि जिसमें जिद होगी वही जुनून पैदा कर सकता है। हमें पारंपरिक चीजों को विज्ञान से मिलना चाहिए इसमें हिचकिचाने की जरूरत नहीं है।राज्य मंत्री से कहा कि पदक पाने वाले बच्चों के साथ एक बार बैठक जरूर करें ताकि उनके सुझाव मिल सके

छात्र छात्राओं को दी गई उपाधि

दो कुलाधिपति स्वर्ण पदक के अलावा दो सिल्वर मेडल, 29 ब्रांज मेडल, 12 कुलपति स्वर्ण पदक और 53 प्रायोजित पदक दिए गए। साथ ही कुल 2,09,171 छात्र छात्राओं को उपाधि दी गई। चंद्रयान-3 में सहयोग देने वाले विश्वविद्यालय के यूआईईटी विभाग के चार पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया।

कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक व आनंदीबेन पटेल ने आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और प्रो. अनिल गुप्ता को मानद उपाधि से सम्मानित किया।दीक्षांत समारोह में मेडल देने के अलावा कुलाधिपति, विश्वविद्यालय के 10 नवीनीकृत भवनों का भी लोकार्पण किया गया। साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स बॉक्सिंग एवं कराटे में मेडल पाने वाले तीन छात्र छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।

दीक्षांत में 2,09,171 छात्र छात्राओं को उपाधि मिलने के बाद ही सभी उपाधियों को डिजी लॉकर में आनंदीबेन पटेल के हाथों अपलोड किया गया। इसके साथ ही पूरे देश में डिजि लॉकर में डिग्री को अपलोड करने वाला कानपुर विश्वविद्यालय देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पहले स्थान पर कर्नाटक बोर्ड है। कुल 65 लाख डाटा अपलोड अभी तक किया जा चुका है।


'चांद के पार, यूपी के होनहार' पुस्तक का विमोचन

कानपुर विश्वविद्यालय ने चंद्रयान-3 से जुड़े यूपी के 30 वैज्ञानिकों को खोजा है। प्रदेश से जुड़े इन वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में जानकारी देते हुए पुस्तक 'चांद के पार, यूपी के होनहार' का विमोचन किया गया। इस दौरान इसरो से जुड़े अतुल निगोतिया, प्रियंका मिश्रा, प्रवेश माथुर और प्रियंका यादव को दीक्षांत में सम्मानित किया गया। कानपुर विश्वविद्यालय ने नेपाल की संस्कृत विवि और आईआईटी कानपुर के साथ एमओयू साइन किया। इसके अलावा टीबी से ग्रसित 100 बच्चों को विश्वविद्यालय ने गोद लिया।

एक से अधिक मिले पदक

श्वेता साहू को 5, जीत शर्मा को 3, शुभ्रा अग्रवाल को 3, श्रद्धा को 5, सोनिया सिंह को 4, फातिमा फरहान को 2, हरकिरन कौर चावला को 4, कनक सिंह को 4, मोना वर्मा को 3, मीनाक्षी यादव को 3, कशिश गुप्ता को 2,अस्मिता त्रिपाठी को 2, तान्या मिश्रा को 2, शुभी सक्सेना को 2, शाल्वी यादव को 2, संचित गुप्ता को 2, तुषार पांडेय को 2, इशिता रस्तोगी को 2, नूतन को 3, विदुषी मिश्रा को 3, कीर्ति को 2, दीपांशी त्रिपाठी को 2, मंजरी सिंह को 2, अंकिता धवन को 2 और वंशिका गुप्ता को 2 पदक मिले।

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