Kanpur news: मशरूम की जड़ से बनाया थर्माकोल, पर्यावरण के लिए होगा सुरक्षित

Kanpur news: जनपद के आईआईटी संस्थान ने इको फ्रेंडली थर्माकोल बनाया है। इस विशेष थर्माकोल को प्लास्टिक से नहीं बल्कि पराली, कृषि कचरा और मशरूम की जड़ से बनाया गया है।

Update:2023-06-13 15:24 IST
Thermocol made from the mushroom root (social media)

Kanpur news: जनपद के आईआईटी संस्थान ने इको फ्रेंडली थर्माकोल बनाया है। इस विशेष थर्माकोल को प्लास्टिक से नहीं बल्कि पराली, कृषि कचरा और मशरूम की जड़ से बनाया गया है। थर्माकोल की गुणवत्ता भी वर्तमान में मौजूद थर्माकोल की तरह है। उपयोग के बाद मिट्टी में फेंका गया यह विशेष थर्माकोल दो माह में पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हो जाएगा। लेकिन इसकी कीमत करीब तीन गुना कम होगी। थर्माकोल का उपयोग उद्योग या बाजार में पैकेजिंग के लिए किया जाएगा। जल्द से जल्द आईआईटी का थर्माकोल बाजार में उपलब्ध होगा।

मशरूम की कई प्रजाति का इस्तेमाल किया गया

स्टार्टअप के फाउंडर चैतन्य दुबे ने बताया कि पराली, कृषि कचरा और मशरूम की जड़ को एक विशेष तकनीक से मिश्रित तक यह विशेष थर्माकोल विकसित किया गया है। मशरूम की जड़ में एक विशेष गुणवत्ता होती है कि वह सभी को पकड़े रहती है और उसे हल्का बनाने में मदद करती है। इस शोध में मशरूम की कई प्रजाति का इस्तेमाल किया गया। मगर, बेसिडियोमाइसाइट्स प्रजाति के मशरूम के साथ पराली व कृषि कचरा पर पूरी तरह सफलता मिली है।

पराली की भी समस्या देख शुरू किया शोध

चैतन्य दुबे गीता नगर के रहने वाले है चैतन्य ने बताया कि बेंगलुरू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जॉब के बाद कुछ फिर अपना करने का मन किया,तभी पराली और प्रदूषण की समस्या को देख लगा कुछ करना चाहिए। पराली का रीयूज और कृषि कचरा के निस्तारण को लेकर दो साल पहले शोध शुरू किया। जिसमें सफलता मिल गई है और मशरूम की शोध की मदद से पराली व कृषि कचरा का उपयोग कर सस्ता व गुणवत्तायुक्त थर्माकोल विकसित किया है।

थर्माकोल भी प्रदूषण का बड़ा कारण

इसमें लंबे समय तक रखी खाद्य सामग्री भी काफी हानिकारक हो जाती है। यह बायोडिग्रेडेबल नहीं है। इसे कहीं भी फेंक दिया जाता है। इसके टुकड़े जमीन, वायु व समुद्र को प्रदूषित कर रहे हैं। इसलिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने वर्ष 2016 में थर्माकोल से बनी वस्तुओं पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। थर्माकोल को जलाने से कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड जैसी विषैली गैसें निकलती है। जिससे प्रदूषण फैलता है।

इलेक्ट्रानिक्स पैकिंग में होगा विकल्प

टीवी, फ्रीज, एसी, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरण को सुरक्षित रखने के लिए थर्माकोल का प्रयोग किया जाता है। थर्माकोल का इस्तेमाल उसी के भांति किया जा सकेगा। यह उसी तरह हल्का व सामान को सुरक्षित रखने में सक्षम है। यह विशेष थर्माकोल हाई-डेंसिटी की गुणवत्ता के लगभग समान होगा,इसकी कीमत 18 से 20 रुपये प्रति 100 ग्राम होगी। जो वर्तमान में दो कैटेगरी के थर्माकोल उपलब्ध हैं। एक लो-डेंसिटी की 15 से 18 दूसरा हाई-डेंसिटी की 40 से 50 कीमत होगी।

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