कई बार गुहार लगाने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई, गांव वालों ने खुद ही बना डाला पुल
रिन्द नदी पर बना पुल 60-70 मीटर लम्बा है और डेढ़ मीटर चौड़ा जिस पर बाइक और गांव वाले आर्म से से आ और जा सकते हैं।इस पुल को बनाने के लिए बिजली के टूटे खम्भों को ट्रैक्टर और हाइड्रा मशीन की मदद से नदी में गाड़ा गया।
लखनऊ: कानपुर के उदयापुर गांव के लोगों ने मिलकर बड़ा कारनामा कर दिखाया है। वे नदी पारकर गांव से शहर आने जाने के लिए लंबे अरसे से पुल की मांग कर रहे थे।
इसके लिए कई बार सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के पास चक्कर भी लगाये थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर उन्होंने खुद ही नदी के ऊपर पुल बनाने का फैसला किया। बाद में बिजली के टूटे खम्भों की मदद से नदी के ऊपर पुल बना डाला।
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क्या है ये पूरा मामला
दरअसल उदयापुर गांव कानपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव के बगल में रिन्द नदी बहती है। गांव वालों को दूसरे गांव या शहर जाने के लिए इस नदी को पार करना होता था लेकिन नदी पर पुल न होने के कारण बहुत कठिनाई आती थी या फिर गांव वालों को 15 किलोमीटर का चक्कर लगा कर जाना पड़ता था।
नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर गांव वालों ने प्रशासन से लेकर जन प्रतिनिधियों के पास खूब दौड़ भाग की। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। आखिर में गांव वालों ने मिलकर जुगाड़ से नदी पर पुल बना दिया।
बच्चों को स्कूल आने -जाने में होती थी परेशानी
ये पुल 60-70 मीटर लम्बा है और डेढ़ मीटर चौड़ा जिस पर बाइक और गांव वाले आर्म से से आ और जा सकते हैं।इस पुल को बनाने के लिए बिजली के टूटे खम्भों को ट्रैक्टर और हाइड्रा मशीन की मदद से नदी में गाड़ा गया।
गांव के लोगों ने बताया कि बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी आती थी।कभी-कभी बाइक पुल में फंस जाती थी।प्रशासन ने हमारी नहीं सुनी तो हम सभी गांव वालों ने मिलकर जुगाड़ से ही पुल बना डाला।
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