कानपुर पुलिस को बिकरू कांड से मिली सबक, तैयार अपराधियों से निपटने के लिए
पुलिस सूत्रों की मानें तो बिकरू कांड़ के बाद से ही एक मजबूत टीम को तैयार करने की प्रक्रिया पुलिस अधिकारियों ने शुरू कर दी है और कानपुर के अंतर्गत पड़ने समस्त थानों से इन 75 सिपाहियों का चयन किया गया है
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत हुए बिकरू कांड ने जहां अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी थी तो वही बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में कानपुर पुलिस को अपराधियों से निपटने की तैयारियों में सुधार करने की भी बात कहते हुए पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए थे।
जिसके बाद अब कानपुर पुलिस अपराधियों से निपटने के लिए एक विशेष टीम को तैयार कर रही है और पुलिस के मजबूत नौजवान सिपाहियों का चयन कर इन सभी पुलिसकर्मियों को स्पेशल ट्रेनिंग कानपुर पुलिस लाइन में दी जा रही है कानपुर में 1 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इन सभी चयनित पुलिस कर्मियों को वाराणसी ट्रेनिंग सेंटर भी भेजने की तैयारी हो रही है।
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75 सिपाहियों का हुआ चयन -
पुलिस सूत्रों की मानें तो बिकरू कांड़ के बाद से ही एक मजबूत टीम को तैयार करने की प्रक्रिया पुलिस अधिकारियों ने शुरू कर दी है और कानपुर के अंतर्गत पड़ने समस्त थानों से इन 75 सिपाहियों का चयन किया गया है और सबसे खास बात यह देखने को यह सभी चयनित नवयुवक है और 2018 के बैच के ही हैं किसी भी अधिक उम्र वाले सिपाही को इस विशेष ट्रेनिंग में नहीं रखा गया है और ऐसा भी नहीं है कि सभी नवयुवकों को इस ट्रेनिंग में लिया गया हो इसके लिए पहले 2018 बैच के सभी सारी रूप से मजबूत सिपाहियों को ही मौका दिया गया है। बताया जा रहा है कि कानपुर पुलिस लाइन में 1 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद के इन सभी चयनित सिपाहियों को सीआरपीएफ कैंप वाराणसी ट्रेनिंग के लिए भेजा जायेगा।
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किसी भी परिस्थिति से निपटने की दी जा रही है ट्रेनिंग -
पुलिस सूत्रों की माने तो वर्ष 2002 से 2006 के बीच कारबाइन शूटिंग में इंडि़या पुलिस की ओर से खेल चुके एसआई राघवेन्द्र त्रिपाठी चयनित सिपाहियों को प्राथमिक ट्रेनिंग दे रहे हैं।एसआई राघवेन्द्र त्रिपाठी ट्रेनिंग के दौरान सिपाहियों को असलहा चलाने के लिए अलावा भीड़़ नियंत्रण‚आपदा प्रबंधन‚दंगा नियंत्रण और किसी भी परिस्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।सिपाहियों को ट्रेनिंग देने के साथ ही उन्हें सभी प्रकार की विकट परिस्थितियों से जूझना सिखाया जा रहा है और असलहा के बारे में बारीक से बारीक जानकारी भी दी जा रही है।
रिपोर्ट - अवनीश कुमार
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