Kanpur News: अब ऑक्सीजन की शुद्धता का नहीं होगा संकट, कोरोना की रफ्तार देखते हुए बनाई ये खास किट

Kanpur News: आईआईटी व सीएसजेएमयू के इंक्यूबेटर प्रियरंजन तिवारी ने इस किट को तैयार किया है। उन्होंने इसका नाम ऑक्सीजन प्योरिटी मीटर रखा है।

Update:2023-04-05 16:50 IST
Oxygen Purity Meter kit (photo: social media )

Kanpur News: बर्रा के रहने वाले प्रियरंजन तिवारी वैसे तो बलिया में बैरिया के हैं। इनके पिता रमेशन कुमार तिवारी हैं। प्रियरंजन ने बताया कि आईआईटी की एक खास किट अब यह भी बताएगी कि सिलेंडर में भरी ऑक्सीजन कितनी शुद्ध है। इससे सिलेंडर में मिलावटी गैस की वजह से किसी मरीज की जान नहीं जाएगी। साथ ही गैस खत्म होने के कगार पर किट अलार्म भी बजाएगी, जिससे पहले ही पैरामेडिकल स्टाफ को जानकारी मिल जाएगी। आईआईटी व सीएसजेएमयू के इंक्यूबेटर प्रियरंजन तिवारी ने इस किट को तैयार किया है। उन्होंने इसका नाम ऑक्सीजन प्योरिटी मीटर रखा है। यह उपकरण पूरी तरह स्वदेशी और कम कीमत का है। यह पहला प्योरिटी मीटर है, जिसे मेडिकल को ध्यान में रख बनाया गया है। विदेशों में इंडस्ट्री की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया जाता रहा है।

कोरोना काल में बढ़ा था संकट

कोरोना काल में बढ़ी किल्लत को देखते हुए शोध शुरू किया है। वहीं बताया कि 2020 में जब कोरोना संक्रमण फैला और अचानक ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हुई तो लोगों ने इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर का भी उपयोग शुरू कर दिया। तब एक बड़ा सवाल सामने आया कि सिलेंडर में भरी ऑक्सीजन कितनी शुद्ध है, इसे कैसे मापा जाए। इसी सवाल के बाद प्रियरंजन ने शोध शुरू किया। इसको शोध करने में एक साल की रिसर्च के बाद सफलता मिली। प्रियरंजन ने बताया कि ऑक्सीजन प्योरिटी मीटर का ट्रायल कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अलावा पुणे, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत 12 अस्पतालों में चल रहा है। यह बाजार में जल्द उपलब्ध होगी। यह उपकरण का अंतिम ट्रायल है।

मशीन से सस्ती है ये किट

प्रियरंजन ने बताया कि यह किट काफी सस्ती है। जिसका बजट मात्र 30 हजार रुपये है। फिलहाल ऑक्सीजन की शुद्धता की जांच करने वाली मशीन है जिसकी कीमत एक लाख रुपये से अधिक है, जिन्हें विदेशों में बनाया जा रहा है।ऑक्सीजन की शुद्धता सिलेंडर में उपलब्धता पर अलर्ट कर देती है।गैस खत्म होने पर अलार्म बज जाता है। वहीं अभी तक विदेशी कंपनियां इंडस्ट्री को ध्यान में रख प्योरिटी मीटर बना रही थीं।

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