लापता हुआ शख्स: विकास दुबे के खिलाफ कराई थी FIR, जांच में जुटी पुलिस

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद इस केस में एक नया मोड आ गया है।

Update:2020-07-14 10:45 IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद इस केस में एक नया मोड आ गया है। दरअसल, जिस शख्स ने विकास दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, वो लापता हो गया है। आपको बता दें कि राहुल तिवारी की शिकायत के बाद ही पुलिस की टीम तीन जुलाई की सुबह विकास दुबे को पकड़ने बिकरू गांव पहुंची थी। जहां पर गैंगस्टर और उसके गैंग ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया और इसमें डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हो गई थी। इस मामले में अब एक नया मोड आया है। डिप्टी एसपी सुकर्म प्रकाश के नेतृत्व में एक टीम राहुल की तलाश में जुटी हुई है।

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घटना का प्रमुख गवाह भी है राहुल तिवारी

राहुल तिवारी के परिजनों के मुताबिक वो लापता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाला राहुल, उन घटनाओं से जुड़े मामले का प्रमुख गवाह भी है। कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने राहुल की जान को गंभीर खतरा बताया है। राहुल के लापता होने के बाद डिप्टी एसपी सुकर्म प्रकाश के नेतृत्व में एक टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है।

दो जुलाई को आखिरी बार की थी मां से बात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल की मां सुमन देवी ने बताया कि राहुल ने उनसे आखिरी बार दो जुलाई की रात को ही बात की थी। उन्होंने बताया कि फोन पर उसकी आवाज डरी जैसी लग रही थी, इसके बात वह अपनी पत्नी, बच्चों और भाभी के साथ गायब हो गया। जानकारी के मुताबिक, पुलिस की जांच में पता चला है कि बिकरू से सटे जडेपुर निवाड़ा गांव का निवासी राहुल तिवारी, मोनिका निवाड़ा गांव में अपनी ससुराल से जुड़ी जमीन का निपटान करना चाह रहे थे।

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किसलिए कराई थी एफआईआर?

उनकी पत्नी की बहनों ने प्रस्तावित बिक्री का विरोध किया। उनमें से एक पक्ष, जो कि बिकरू गांव में रहता है, ने मामले में विकास दुबे के हस्तक्षेप की मांग की। उसके बाद विकास दुबे ने एक जुलाई को सार्वजनिक रूप से राहुल तिवारी को धमकी दी थी और साथ ही उसके साथ मारपीट भी की थी। फिर अगले दिन उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन स्टेशन अधिकारी विनय तिवारी को एक लिखित शिकायत दी थी।

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डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई FIR

पुलिस के मुताबिक, चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी ने शिकायत नहीं दर्ज की बल्कि राहुल को साथ ले जाकर विकास दुबे के साथ सुलह के लिए मुलाकात की। इस घटना के बाद दो जुलाई की शाम डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। फिर कुछ घंटे बाद ही तीन पुलिस स्टेशन के अधिकारियों सहित 25 पुलिसकर्मी की एक टीम बिकरू पर छापेमारी के लिए रवाना हुई। जहां पर गैंगस्टर दुबे और उसकी गैंग ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस घटना में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक नागरिक घायल हो गए।

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