कानपुर शूटआउट: चौबेपुर थाने से विकास को मिली दबिश की खबर, ऑडियो हुआ लीक

विकास दुबे और चौबेपुर थाने के सिपाही राजीव चौधरी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है। जिसके बाद यह साफ हो गया है कि इसी थाने से मुखबिरी हुई थी।

Update:2020-07-21 17:58 IST

कानपुर: कानपुर शूटआउट में आठ पुलिसकर्मियों के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की मौत के बाद एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बिकरू कांड के बाद से ही चौबेपुर थाने की भूमिका संदिग्ध रही है। शुरूआत से ही कानपुर एनकाउंटर को लेकर कहा जाता रहा है कि चौबेपुर थाने से ही विकास को पुलिस कार्रवाई की सूचना मिली थी। अब ये बात और पुख्ता हो गई है। दरअसल, विकास दुबे और चौबेपुर थाने के सिपाही राजीव चौधरी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है। जिसके बाद यह साफ हो गया है कि इसी थाने से मुखबिरी हुई थी।

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विकास दुबे ने दी थी पुलिस को धमकी

चौबेपुर थाने के सिपाही के बदौलत विकास दुबे को पहले से ही पता चल गया था कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। वहीं अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की बात से बौखलाए विकास दुबे ने पुलिस को धमकी भी दी थी और कहा था कि इस बार ऐसा कांड करूंगा कि सब याद रखेंगे। चाहे फिर पूरा जीवन फरारी काटनी पड़े। अगर पुलिस ने विकास दुबे की धमकी को गंभीरता से लिया होता तो शायद कानपुर के बिकरू में जो उस रात हुआ वो ना होता और पुलिसकर्मियों की जान भी बच जाती।

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विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश की तलाश जारी

इस कांड में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए तो वहीं विकास दुबे को भी पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया। उसके कई करीबी भी मुठभेड़ में ढेर हो गए। हालांकि अभी तक विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश को लेकर पुलिस के हाथो कोई सुराग नहीं लगा है। बता दें कि पुलिस ने दीप प्रकाश पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। उसके खिलाफ लखनऊ के कृष्णा नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है।

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पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही फरार है दीप प्रकाश

2-3 जुलाई की रात को बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही दीप प्रकाश फरार चल रहा है। उसकी तलाश में यूपी पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। गौरतलब है कि 2-3 जुलाई की रात को पुलिस की एक टीम विकास दुबे को पकड़ने बिकरू गांव पहुंची थी।

लेकिन पहले से ही इस बात की सूचना होने के चलते विकास दुबे और उसका गैंग पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए तैयार बैठे थे। उस रात गैंगस्टर विकास और उसके गैंग ने जिस तरह पुलिसकर्मियों की हत्या की, उससे साफ जाहिर था कि उन्होंने उस रात हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी।

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