Kanpur Ka Mausam: रूक-रूक कर हो रहीं बारिश, गिर रहे ओले

Kanpur Weather: मौसम विभाग के अनुसार आज पूरे दिन कभी धूप निकलेगी तो कभी बूंदाबांदी होगी। विभाग ने 23 जनवरी से बारिश तेज होने की संभावना जताई है।

Written By :  Durgesh Sharma
Update:2023-01-22 16:38 IST

Kanpur Weather (Social Media)

Kanpur Weather News: कानपुर में आज यानी रविवार को पश्चिमी विक्षोभ के कारण सुबह से ही बारिश का मौसम बन गया। मौसम विभाग के अनुसार आज पूरे दिन कभी धूप निकलेगी तो कभी बूंदाबांदी होगी। विभाग ने 23 जनवरी से बारिश तेज होने की संभावना जतायी है। इस बीच बिजली चमकेन, बादल गरजने के साथ कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं। इससे दिन में तापमान गिरेगा और रात में पारा बढ़ सकता है।

इन इलाकों में भी बरस सकते है बादल

कानपुर में रविवार को न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बारिश के कारण दिन में पारा और नीचे जा सकता है, जबकि रात का पारा बढ़ने की संभावना है। चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (सीएसए) के मौसम विभाग के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में ओले पड़ सकते हैं। इस वजह से फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक 23 से 26 जनवरी के बीच पंजाब, हरियाणा और कानपुर मंडल सहित उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई भागों में बारिश की अनुमान जताई है। गंगा के मैदानी भागों में इस बीच कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है। 

इस बार ठंड की तरह रूलायेगी गर्मी

कानपुर में इस बार कड़ाके की ठंड की तरह लू भी तेज चलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक आमतौर पर जून में सक्रिय रहने वाले अल नीनो की हलचल प्रशांत महासागर में बढ़ गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान विभाग और स्थानीय चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के अध्ययन में यह बात सामने आई है। बता दें कि अल नीनो की सक्रियता से तापमान बढ़ता है।

टूट सकता है इतने साल का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के अनुसार इस बार लू के थपेड़े अधिक दिन तक रहेंगे। बारिश कम हो सकती है। इससे सूखा पड़ सकता है और गर्मी के मौसम की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। सीएसए मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के मुताबिक अल नीनो के तेज होने से समुद्र के स्तर का तापमान पांच डिग्री से ज्यादा बढ़ सकता है। उन्होनें बताया कि अल नीनो का असर अभी भी दक्षिणी हिस्से में महसूस किया जा रहा है। इसके कारण मध्य और पश्चिमी प्रशांत महासागर की सतह पर तापमान में परिवर्तन होता है। यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। उन्होनें कहा जुलाई से सितंबर के बीच गर्मी अपने चरम पर होगी। अनुमान है कि इस बार गर्मी पिछले 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

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