मध्यान्ह भोजन खाने के बाद बिगड़ी 44 विद्यार्थियों की तबीयत, स्कूल प्रशासन में मचा हड़कंप

Kasganj News: विद्यालय में अशर्फी ग्राम उद्योग एनजीओ द्वारा गुरूवार को मध्यान्ह भोजन दिया गया था। बच्चों द्वारा बताया गया कि खाने में दाल और रोटी मिली थी।

Report :  Ajay Chauhan
Update: 2024-08-01 09:51 GMT

कासगंज में मध्यान्ह भोजन खाने के बाद बिगड़ी 44 विद्यार्थियों की तबीयत(न्यूजट्रैक)

Kasganj News: जनपद के सुमन्त कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज में तीन दर्जन से अधिक छात्र अचानक पेट दर्द और उल्टी के शिकार हो गए। एकदम से इतने बच्चों की हालत खराब होते देख स्कूल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। स्कूल प्रशासन और अध्यापकों द्वारा छात्रों को आनन-फानन में जिला अस्पताल और विनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां छात्रों का उपचार चल रहा है। फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर बताये जा रहे है।

मिली जानकारी जानकारी के मुताबिक विद्यालय में अशर्फी ग्राम उद्योग एनजीओ द्वारा गुरूवार को मध्यान्ह भोजन दिया गया था। बच्चों द्वारा बताया गया कि खाने में दाल और रोटी मिली थी। रोटी खाने लायक नहीं थी। वहीं दाल में छोटे-छोटे कीड़े निकल रहे थे। खाना खाने के बाद सभी के पेट में तेज दर्द होने लगा और फिर उल्टी आरम्भ हो गई। जिसकी सूचना बच्चों ने क्लास टीचर को दी। उसके बाद सभी बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। जैसे ही जिला प्रशासन को एक साथ इतने बच्चे बीमार होने की जानकारी मिली। तत्काल मौके पर एसडीएम और फूड इंस्पेक्टर पहुंच गए। फूड इंस्पेक्टर ने खाने का नमूना संकलित करा लिया है।

प्रथमदृष्टया ये फूड प्वाइजनिंग से हालत बिगड़ने का मामला है। जिला अस्पताल के अधीक्षक संजीव सक्सेना ने बताया कि खाने की गुणवत्ता खराब होने से बच्चों को फ़ूड पॉइजनिंग हुई है। छात्र आर्यन और भानु साहू ने बताया कि दोपहर को विद्यालय में मिलने वाले भोजन में दाल और रोटी मिली थी। दाल में छोटे-छोटे कीड़े दिख रहे थे। खाना खाने के बाद पहले पेट दर्द हुआ और फिर सभी को उल्टियां होने लगी थी।

मामले में सुमन्त कुमार माहेश्वरी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डीएस पाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि इस एनजीओ से उन्होंने आज एक अगस्त को पहली बार खाना लिया है। इनका भोजन काफी खराब गुणवत्ता का निकला है। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। घटना के बाद सवाल यह उठता है कि हर विद्यालय में भोजन के लिए एक समिति होती है। जिसमें लगाए गए अध्यापक भोजन मिलने के बाद स्वयं उसको खाकर उसकी गुणवत्ता की जांच करते हैं। उसके बाद ही भोजन विद्यार्थियों को वितरित किया जाता है। तो फिर सुमन्त कुमार माहेश्वरी कॉलेज में ये अनियमितता कैसे बरती गई। जिससे 44 छात्रों का जीवन संकट में पड़ गया।

Tags:    

Similar News