Siddique Kappan: लखनऊ जेल से 28 महीने बाद रिहा हुए सिद्दीक कप्पन, हाई कोर्ट ने दी थी जमानत
Siddique Kappan: उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन 28 महीने के बाद गुरुवार 2 फरवरी को जेल से रिहा हो गए।
Siddique Kappan: उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन 27 महीने के बाद गुरुवार 2 फरवरी को जेल से रिहा हो गए। कप्पन की जमानत याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। बुधवार रात को ही कप्पन का रिहाई आदेश लखनऊ जिला कारागार के जेल प्रसाशन को मिल गया था। पत्रकार सिद्दीक कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। कप्पन के ऊपर पीएफआई से संबंध रखने और इसी प्रतिबंधित संस्था के लिए मनी लांड्रिंग का आरोप है।
सिद्दीक कप्पन को दो मामलों में करीब करीब एक महीने पहले जमानत मिल गई थी। लेकिन कप्पन को तब जमानत इसलिये नहीं मिल पायी थी, क्योंकि प्रिवेंशन मनी लांड्रिंग स्पेशल कोर्ट के जज बिजी थे। केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि, मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं। मुझे सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए। मैं अब बाहर आकर खुश हूं। कप्पन के बुधवार शाम को जेल से बाहर निकलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम पर विशेष अदालत के न्यायाधीश बार काउंसिल के चुनाव में व्यस्त थे।
गौरतलब है कि केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीक कप्पन करीब 28 माह से जेल में बंद थे। सिद्दीक कप्पन को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में अशांति पैदा करने की साजिश के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था। जहां वह एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को कवर करने जा रहे थे। शुरू में उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया कर दिया गया। आरोप लगाया गया था कि वह और उनके साथ गाड़ी में मौजूद लोग सांप्रदायिक दंगे भड़काने और हाथरस गैंगरेप-हत्या के मद्देनजर सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।