KGMU के शोध में खुलासा: बीड़ी-सिगरेट पीने से नपुंसक बन रहें पुरुष, छोड़ने पर बन सके पिता

KGMU के शोध में खुलासा: आजकल की युवा पीढ़ी में देर रात तक जागना, फ़ोन चलाना, पार्टी करना और सिगरेट-शराब का सेवन (cigarette alcohol consumption) करना आम-सा हो गया है।

Report :  Shashwat Mishra
Update:2022-06-03 17:57 IST

सिगरेट-शराब का सेवन लड़के व लड़कियों में बड़ा रहा नपुंसकता: Photo - Social Media

Lucknow: आजकल की युवा पीढ़ी में देर रात तक जागना, फ़ोन चलाना, पार्टी करना और सिगरेट-शराब का सेवन (cigarette alcohol consumption) करना आम-सा हो गया है। हर 10 में से पांच-छः युवा लड़के व लड़कियां इसी राह पर हैं। वहीं, जब इनका ये सिलसिला शादी के बाद भी शुरू रहता है, तो इन्हें तमाम तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही कुछ शहरी व ग्रामीण पुरुषों पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय यानी KGMU के यूरोलॉजी विभाग ने शोध किया है, जिसमें यह निकलकर आया कि जो पुरुषों में धूम्रपान और पान-मसाला का सेवन बांझपन का बड़ा कारण बन रहा है।

242 पुरुषों पर किया गया अध्ययन

डॉ. विश्वजीत सिंह के अनुसार, यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में, बीते एक साल में 242 पुरूष प्रजनन सम्बंधित दिक्कतें लेकर आए थे। जिनमें 150 ग्रामीण क्षेत्र से और 92 शहरी इलाकों से थे। इस सर्वे में 60 प्रतिशत ऐसे व्यक्ति थे, जो बीड़ी-सिगरेट संग पान-मसाला और तंबाकू भी जमकर खाते थे।

वहीं, 20 प्रतिशत ऐसे थे, जो किसी भी तरह का धूम्रपान ( No smoking) करते थे। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर विश्वजीत ने बताया कि दो से ज़्यादा तरह की तंबाकू खाने वालों में प्रजनन क्षमता अधिक कमजोर पाई गई। जबकि, बाकी 20 फीसदी के बांझपन का कारण, दूसरी दिक्कतों से था।

50 फीसदी लोग बने पिता

डॉ. विश्वजीत ने कहा कि हम ओपीडी में आने वाले मरीजों से उनके लाइफस्टाइल व रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी बातें कर, जानकारी इकट्ठा करते हैं। उन्हें धूम्रपान न करने का सुझाव दिया गया। पति-पत्नी की जांच भी कराई गई। पुरुषों ने सलाह मानकर, जीवनशैली में बदलाव लेकर आए। आज 50 प्रतिशत लोग पिता बन सके हैं।

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