कोरोना से जंग के लिए अपने कोरोना वारियर्स को प्रशिक्षित करेगा केजीएमयू
केजीएमयू में होने वाले इस प्रशिक्षण के लिए एक प्रशिक्षण समिति का गठन किया गया है और प्रो. विनोद जैन को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रो. जैन समिति के अन्य सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित कर चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के प्रशिक्षिण से संबंधित संकलित सूचना तैयार करवाएंगे।
लखनऊ: कोरोना महामारी से बचाव के लिए हमारे चिकित्सक व चिकित्साकर्मी किस तरह से लड़ रहे है वह हमारे सामने है। इस दौरान कई चिकित्सक व चिकित्साकर्मी भी कोरोना से संक्रमित हो रहे है। चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय अपने विश्वविद्यालय के चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों तक को एक कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानकारियां देने के साथ ही इस वायरस से बचाव का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
16 मॉड्यूल वाला प्रशिक्षण मॉडल
केजीएमयू में होने वाले इस प्रशिक्षण के लिए एक प्रशिक्षण समिति का गठन किया गया है और प्रो. विनोद जैन को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रो. जैन समिति के अन्य सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित कर चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के प्रशिक्षिण से संबंधित संकलित सूचना तैयार करवाएंगे। इसके साथ ही प्रो. जैन ने चिकित्सकों, रेजीडेंट्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल कर्मियों तथा कर्मचारियों के लिए एक 16 मॉड्यूल वाला प्रशिक्षण मॉडल तैयार कर रहे हैं जो एकरूपता से आवश्यकतानुसार सभी कर्मियों में प्रशिक्षण के लिए लागू किया जाएगा।
वायरस को लेकर छोटी-छोटी बातों तक की ट्रेनिंग दी जायेगी
इस प्रशिक्षण में चार से साढ़े चार घंटे की ट्रेनिंग दी जायेगी। प्रशिक्षण का स्तर चिकित्साकर्मी के पद के अनुसार होगा। जैसे चिकित्सक और रेजीडेंट्स को उपचार तक की जानकारी दी जायेगी तो एक सफाईकर्मी को साफ-सफाई का किस प्रकार ध्यान रखें जिससे संक्रमण फैलने से रोका जा सके। उन्हें यह भी बताया जायेगा कि कोरोना संक्रमण से कैसे खुद बचें और दूसरों को तथा अपने परिवार वालों को कैसे बचायें। इसमें कोरोना वायरस को लेकर छोटी-छोटी बातों तक की ट्रेनिंग दी जायेगी।
ये भी देखें: कोरोना बना खलनायक: मिलने नही दे रहा दो दिलों को, ऐसे हो रहे लोग एक दूसरे से दूर
मास्क व ग्लब्स पहननें तथा उतारने के सही तरीके क्या हैं
जिसमे, इस बीमारी से कैसे सतर्कता बरतें कि चिकित्साकर्मियों को न हो, उनके घरवालों को न हो, घबरायें नहीं, डरे नहीं, झाड़ू-पोछा लगाने, कपड़े उतारने, मास्क व ग्लब्स पहननें तथा उतारने के सही तरीके क्या है जैसे तरीकों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा चिकित्सक व चिकित्साकर्मी मानसिक स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने के लिए क्या किया जाए इसके संबंध में भी बताया जायेगा।
ये भी देखें: बिजनेसमैन रतन टाटा ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए इनको ठहराया जिम्मेदार
प्रशिक्षण के लिए 32 लोगों का एक बैच तैयार किया जायेगा। एक दिन में चार बैच चलाये जायेंगे और हर बैच में चार प्रशिक्षक होंगे। इनमे एक बैच में डॉक्टर्स और रेजीडेंट्स, दूसरे में नर्से, तीसरे में डेंटल तथा चैथे में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण के पीछे उद्देश्य है कि केजीएमयू के 4 हजार कर्मचारियों में से जिसकी भी कोरोना वायरस के इलाज में ड्यूटी लगायी जाए तो वह बेहतर तरीके से अपने कार्य को कर सकें।