लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि: 'जय जवान-जय किसान' का गोरखपुर से नाता, जानें क्या

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक 25 नवम्बर 1965 तक हर जगह खेती शुरू कर दी गई। गोरखपुर में रेलवे की पहल की चर्चा दिल्ली तक पहुंची तो 31 जनवरी 1966 को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने गोरखपुर का दौरा किया।

Update: 2021-01-11 04:52 GMT
लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि: 'जय जवान-जय किसान' का गोरखपुर से नाता, जानें क्या (PC: social media)

गोरखपुर: वर्ष 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान जब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया था तो गोरखपुर भी उनके साथ था। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में तो अफसरों के बंगलों और रेल पटरियों के किनारे गेहूं और आलू की खेती भी होने लगी। तब रेलवे के बंगलों में 320 कुंतल गेहूं और 480 कुंतल आलू की उपज हुई थी। लाल बहादुर शास्त्री ने तक गोरखपुर के अफसरों की पीठ भी थपथपाई थी। इस पैदावार का उपयोग 1966 के अकाल में किया गया। जब सरकार ने इस पैदावार को गरीबों में बांट दिया। इसके दस्तावेज आज भी पूर्वोत्तर रेलवे की धरोहर हैं।

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Lal Bahadur Shastri (PC: social media)

25 नवम्बर 1965 में शुरू हुई खेती

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक 25 नवम्बर 1965 तक हर जगह खेती शुरू कर दी गई। गोरखपुर में रेलवे की पहल की चर्चा दिल्ली तक पहुंची तो 31 जनवरी 1966 को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने गोरखपुर का दौरा किया। 104 वर्षीय नरमू महामंत्री केएल गुप्ता को वह दौर आज भी याद है। वह बताते हैं कि शास्त्री जी के आह्वान पर पटरियों के किराने और बंगलों में खाली जमीनों में गेहूं और आलू की खेती की गई थी। एक साल बाद आकाल पड़ा तो इसे गरीबों में बांटा गया था। वैसा देशभक्ति का जुनून अब नहीं देखने को मिलता है।

रामलीला मैदान से दिया था नारा

अक्टूबर 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शास्त्रीजी ने पहली बार-जय जवान जय किसान का नारा दिया। शास्त्रीजी ने लोगों से सप्ताह में एक दिन व्रत रखने को कहा, यही नहीं उन्होंने खुद भी व्रत रखना शुरू कर दिया था।

बतौर रेलमंत्री शास्त्री ने किया था निरीक्षण

1954 में बतौर रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री गोरखपुर आए थे। यांत्रिक कारखाना के साथ ही सभी विभागों का निरीक्षण किया था। रेलवे के फोटो आर्काइव में शास्त्री जी के दौरे की तस्वीरें आज भी सुरक्षित हैं।

Lal Bahadur Shastri (PC: social media)

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अमेरिका ने गेहूं देने से कर दिया था इनकार

अमेरिका की पीएल-480 स्कीम के तहत हासिल लाल गेहूं खाने को बाध्य थे। इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने शास्त्रीजी को धमकी दी गई थी, अगर युद्ध नहीं रुका तो गेहूं का निर्यात बंद कर दिया जाएगा। शास्त्रीजी ने कहा- बंद कर दीजिए गेहूं देना। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका से गेहूं लेने से भी साफ इनकार कर दिया था।

रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव

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