मऊ: कुछ इस तरह प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक बना कोरोना योद्धा

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित अन्य पुलिसकर्मी, स्वच्छताकर्मी और यहाँ तक की शिक्षा कर्मी भी कोरोना से जारी इस जंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

Update: 2020-09-13 09:32 GMT
मऊ: कुछ इस तरह प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक बना कोरोना योद्धा (social media)

मऊ: कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित अन्य पुलिसकर्मी, स्वच्छताकर्मी और यहाँ तक की शिक्षा कर्मी भी कोरोना से जारी इस जंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद के एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने कोरोना योद्धा बनकर उपचाराधीनों की निःस्वार्थ भाव से सेवा की और उसके लिए आगे आए। लखनऊ के एल-2 हॉस्पिटल में 12-12 घण्टे और लगातार आठ दिन तक अस्पताल में उपचाराधीनों की देखरेख की और वह कहलाए कोरोना योद्धा। आइये जानते हैं पूरी कहानी।

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अस्पताल में रूटीन चेक-अप के दौरान आने जाने में कोरोना की चपेट में आ गई

मऊ जिले के मधुबन ब्लॉक के अंतर्गत हृदय पट्टी गांव के रहने वाले प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मणि प्रकाश सिंह कुछ माह पहले लॉकडाउन खुलने के दौरान पत्नी के प्रसव के दिन नजदीक होने के कारण उन्हें अपने माता-पिता के पास लखनऊ इस उम्मीद से पहुंचा दिया गया ताकि वहां पर पत्नी साथ में दो साल की बेटी की देखभाल और आपातकालीन स्थिति में उच्चकोटि की चिकित्सा सुविधा मिल सके।

यह जच्चा-बच्चा दोनों के हित में था। लेकिन मणि प्रकाश को क्या पता था कि उनका यह कदम पूरी जिंदगी भर न भुलाने वाली एक नई मुसीबत के रूप में सामने खड़ी होगी। उन्होंने जिस सुविधा और सुरक्षा के लिये पत्नी को लखनऊ पहुंचाया था वहीं अस्पताल में रूटीन चेक-अप के दौरान आने जाने में कोरोना की चपेट में आ गई।

प्रसव के 10 दिन पहले प्रोटोकाल के तहत गर्भवती को कोविड-19 टेस्ट कराना होता है

मणि प्रकाश ने बताया कि प्रसव के 10 दिन पहले प्रोटोकाल के तहत गर्भवती को कोविड-19 टेस्ट कराना होता है यह बात उन्हें अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी। टेस्ट रिपोर्ट में पता चला कि पत्नी कोरोना पॉजिटिव हैं। इस सूचना से लखनऊ के घर समेत पूरे मोहल्ले में उदास का माहौल छा गया।

पत्नी को लेने के लिए एंबुलेंस आई तो पूरा मोहल्ला उन्हें एक अपराधी नजर से देखने लगा। रोजमर्रा उनके साथ उठने बैठने वाले लोग भी उनके परिवार को देख अपने दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर लिये। उन सभी की आँखों को देख कर ऐसा लगा कि मानो वह और उनका परिवार दुनिया के सबसे बड़े गुनहगार हों।

mau-teacher corona warrior (social media)

मणि प्रकाश ने बताया उनका बेटा हुआ था

मणि प्रकाश ने बताया कि पत्नी को आइसोलेशन वार्ड में रहने के दौरान ही उन्हें ऑपरेशन से पुत्र की प्राप्ति हुई एक तरफ खुशी थी। लेकिन दूसरी तरफ अपने बच्चे को लेकर चिंता भी सताई जा रही थी। उन्हें और उनकी पत्नी को अस्पताल से क्या और कैसी सुविधा मिलेगी, इसका समझौता करते हुए उन्होंने उसी हॉस्पिटल में रहने का फैसला किया, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा यही निर्देशित किया गया था। हॉस्पिटल स्टाफ ने उन्हें उनकी पत्नी के साथ रहने की इजाजत दे दी। जबकि कोविड-19 के प्रोटोकाल में होता है कि कोरोना पॉजिटिव यदि चार वर्ष का बच्चा है तो उसकी मां भी चाहते हुए भी साथ नहीं रह सकती।

उन्हें सुरक्षा की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गईं

मणि प्रकाश ने आगे बताया कि उन्हें 40 कोरोना पॉजिटिव जिसमें कई गंभीर उपचाराधीन थे, से युक्त वार्ड में उनकी पत्नी को एक बेड मिला और वह उसी के बगल में जमीन पर बिना किसी सुरक्षा के केवल साधारण मास्क और रुमाल के भरोसे बोरिया बिस्तर लगा के जम गए। उन्हें सुरक्षा की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गईं। मणि प्रकाश ने बताया कि उन आठ दिनों में आए दिन किसी उपचाराधीन की मृत्यु हुयी। चौथे दिन वार्ड की खिड़कियों को एल्यूमीनियम पैनल से सील कर दिया गया। इससे उनकी पत्नी को अधिक डर सताने लगा लेकिन मणि प्रकाश ने अपनी पत्नी को धैर्य से काम लेने, सकारात्मक सोच और किसी भी प्रकार के मानसिक विकार न रखने के लिए कहा।

घर पर आने के बाद भी 14 दिन का क्वारन्टीन पीरियड को भी पूरा किया

इसके साथ ही वह बिना रुके हर किसी की मदद करते रहे और आने वाले उपचाराधीनों का हौसला अफजाई करते रहे। इसके साथ ही वार्ड में सभी उपचाराधीनों को स्वास्थ्य एवं पोषण परामर्श देते रहे। आठवें दिन उनकी पत्नी के आइसोलेशन समय समेत सभी दिन पूरे होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। घर पर आने के बाद भी 14 दिन का क्वारन्टीन पीरियड को भी पूरा किया। वर्तमान में पूरा परिवार स्वस्थ है।

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हमेशा गरम पानी का सेवन किया

मणि प्रकाश ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है। लॉकडाउन में उन्होने पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियों, फल, सहजन पत्ती के साथ आयुष काढ़ा का सेवन और योग की सहायता से वजन नियंत्रण पर बल दिया। हमेशा गरम पानी का सेवन किया। उन्हें क्या पता था कि यह सभी कार्य उनके जीवन के आगामी कुछ ही दिनों में इतने काम आ जाएंगे।

आसिफ रिज़वी

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