जानिए किसने और क्यों ऊर्जा निगमों को एक करने की उठाई मांग

ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने प्रदेश के सभी आठ ऊर्जा निगमों के एकीकरण की मांग की है। इसको लेकर फेडरेशन ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखा है।

Update: 2019-06-26 17:13 GMT

लखनऊ: ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने प्रदेश के सभी आठ ऊर्जा निगमों के एकीकरण की मांग की है। इसको लेकर फेडरेशन ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखा है। वहीं, निगमों के एकीकरण के बाद उप्र राविप निगम लिमिटेड गठन का प्रस्ताव भी रखा है।

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फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि समान कार्य पद्धति वाले विभागों के एकीकरण के क्रम में सबसे पहले प्रदेश के आठों ऊर्जा निगमों का एकीकरण किया जाए और उप्र राविप निगम लिमिटेड का गठन किया जाए। नीति आयोग की अनुशंसा के अनुसार उप्र सरकार द्वारा समान कार्य पद्धति वाले विभागों का एकीकरण होना तय है।

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दुबे ने कहा कि समान कार्य पद्धति वाले ऊर्जा निगमों के एकीकरण से बेहतर उपभोक्ता सेवा तो मिलेगी ही साथ ही अनावश्यक प्रशासनिक खर्च भी बचेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के विघटन का प्रयोग पूरी तरह असफल साबित हुआ है। वर्ष 2000 में बिजली बोर्डों का पूरे देश में सकल घाटा 23000 करोड़ रुपये था, जो अब 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। उप्र में ही विघटन के समय 77 करोड़ रुपये का घाटा अब 80000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। फेडरेशन ने निगमों के एकीकरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाने की उम्मीद जताई है।

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