Kushinagar News: 109 नदियों के जल से होगा तुर्क पट्टी के गुप्तकालीन मंदिर की सूर्य प्रतिमा का जलाभिषेक

Kushinagar News: जनपद के ऐतिहासिक गुप्तकालीन तुर्कपट्टी के मंदिर की सूर्य प्रतिमा का जलाभिषेक अवतरण दिवस के दिन बड़े हर्ष उल्लास के साथ देश विदेश की नदियों से 109 नदियों के जल से होगा।

Update:2023-07-28 13:41 IST

Kushinagar News: जनपद के ऐतिहासिक गुप्तकालीन तुर्कपट्टी के मंदिर की सूर्य प्रतिमा का जलाभिषेक अवतरण दिवस के दिन बड़े हर्ष उल्लास के साथ देश विदेश की नदियों से 109 नदियों के जल से होगा। यह कार्यक्रम पूर्वांचल महोत्सव एवं कुशीनगर महोत्सव के संयुक्त तत्वाधान में हो रहा है। भगवान सूर्य की प्रतिमा के अवतरण दिवस को ऐतिहासिक बनाने के लिए 29 जुलाई से 30 जुलाई तक सूर्य प्रतिमा प्रकाटय उत्सव मनाया जाएगा। कलश लेकर एक जत्था 30 जुलाई को कुशीनगर की तुर्कपट्टी में पहुंच रहा है।

उल्लेखनीय है कि कुशीनगर जनपद में तुर्कपट्टी नामक स्थान पर भगवान सूर्य की प्रतिमा है । जो नीलम पत्थर से निर्मित है ।इस मूर्ति के विषय में बताया जाता है कि तुर्कपट्टी महुआवा गांव निवासी विश्वनाथ शर्मा को 30 जुलाई 1981 की रात सपना आया कि घर के बगल की जमीन पर सूर्य प्रतिमा है । अगली सुबह उन्होंने यह बात केडी शाही और मथुरा शाही को बताई, जो गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।स्वप्न में बताये गये स्थान पर खुदाई प्रारम्भ की गयी। वहाँ चतुर्भुज रूप में सात घोड़ों पर सवार सूर्य की मूर्ति और विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ थीं। खबर पूरे देश में फैली तो तत्कालीन इतिहासकार चंद्रमौलि शुक्ल, शैल चतुर्वेदी, पीके लाहिड़ी और महावीर प्रसाद कंदोई समेत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम पहुंची।इतिहासकारों ने मूर्ति को गुप्तकालीन और बहुमूल्य बताया है। इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व विभाग ने ऐतिहासिक महत्व का हवाला देते हुए पूरे क्षेत्र को महात्मा बुद्ध के समकालीन उच्च संस्कृति का केंद्र होने का दावा किया। भगवान सूर्य की मूर्ति की स्थापना दिवस को खास बनाने के लिए उसी कुशीनगर महोत्सव के अध्यक्ष विनय राय के नेतृत्व में सूर्य प्रतिमा का प्रकाटय उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम के आयोजक विनय राय ने बताया कि कलश यात्रा की शुरुआत आजमगढ़ से शुरू होगी होकर बेलौली धाम स्थित लक्ष्मण मंदिर दोहरीघाट , देवरहा बाबा मंदिर , बाड़ी पुल, हनुमान मंदिर होते हुए स्थित रामजानकी मठ पहुंचेगा। संतों और मंदिर प्रमुखों की अगुवाई में 30 जुलाई को तुर्क पट्टी मंदिर पहुंचेगा 31 जुलाई को वैदिक रीति रिवाज से भगवान सूर्य की प्रतिमा का 109 नदियों से लाये गये जल से होगा।

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