कानून व्यवस्था संभालने की बड़ी जिम्मेदारी, संसाधनों के अभाव से जूझ रही है पुलिस
संसाधनों का अभाव पुलिसकर्मियों के कामकाज में आड़े आता है। थाने से जुड़े लोगों ने स्वीकार किया कि क्षेत्र को देखते हुए थाने में स्टाफ की कमी है। क्षेत्र में गश्त के लिए भी सिर्फ एक जीप और एक मोटरसाइकिल है जो पर्याप्त नहीं है।
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यबस्था को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला तेज़ कर दिया है। प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कानून व्यवस्था सुधारी जाय। लेकिन अब बड़ा सवाल यह उठता है कि कानून व्यवस्था सुधारने के लिए संसाधनों का अभाव तो आड़े नहीं आएगा।
संसाधनों का अभाव
बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए आखिरकार पुलिस को जिम्मेदार माना जाता है।
लेकिन रात-दिन कानून संभालने वाली पुलिस किन संसाधनों के साथ काम करती है, यह देखना भी जरूरी है।
बाराबंकी के जहांगीराबाद थाने को देखें, तो यहां की बिल्डिंग नयी नजर आती है।
लेकिन संसाधनों का अभाव पुलिसकर्मियों के कामकाज में आड़े आता है।
थाने से जुड़े लोगों ने स्वीकार किया कि क्षेत्र को देखते हुए थाने में स्टाफ की कमी है।
क्षेत्र में गश्त के लिए भी सिर्फ एक जीप और एक मोटरसाइकिल है जो पर्याप्त नहीं है।
बाउंड्री न होने से थाने में रखी संपत्ति की भी चौकसी मुश्किल होती है।
थाने के प्रभारी उपनिरीक्षक और सिपाहियों के रहने के लिए भी आवास की समुचित व्यवस्था नहीं है।
परिसर में विभागीय लिखापढ़ी और समस्याएं सुनने की जगह को प्रभारी ने अपना आवास बना लिया है।
आवास के साथ ही भोजन के लिए मेस आदि की भी व्यवस्था नहीं है और शुद्ध पानी का भी अभाव है।
थाने में मुंशी के पास कम्प्यूटर से जुड़े काम के अलावा भी कार्यालय की लिखा पढ़ी के और भी काम हैं।
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