योगी सरकार का इतना डर! एक अधिकारी कई प्रभार, यूपी छोड़ केंद्र की तरफ भाग रहे IAS

UP IAS News: कुछ मीडिया रिपोर्टस में इस बात का भी जिक्र हो रहा है कि योगी सरकार अधिकारियों पर बहुत सख्त है। सरकार के साथ कदम ताल कर पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-24 06:59 GMT

UP IAS News (Pic: Social Media)

UP IAS News: दीपक तले अंधेरा! उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जैसे तमाम शहरों में सिविल सेवा की तैयारी करने वालों की भरमार है। मगर उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सेवा की हालत बिगड़ गई है। प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी हो गई है। अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के एक तिहाई से अधिक पद खाली हैं। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध करने पर भी अधिकारी नहीं भेजे गए। अधिकारियों की कमी का अभी तक कोई समाधान नहीं मिल सका है। प्रदेश में 92 IAS अधिकारियों की कमी है। 

एक अधिकारी संभाल रहे कई पद

प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में अधिकारियों की कमी के कारण कई अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। एक ही अधिकारी कई पदों पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्तर के कई आईएएस अधिकारियों के पास एक से ज्यादा विभागों का चार्ज है। ओवरलोड के कारण कई अधिकारियों ने राज्य सरकार छोड़ कर केंद्र सरकार की नौकरी करने का आवेदन दे दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्टस में इस बात का भी जिक्र हो रहा है कि योगी सरकार अधिकारियों पर बहुत सख्त है। सरकार के साथ कदम ताल कर पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। 

इतने पद खाली, अफसरों की मारामारी

  • अपर मुख्य सचिव (ACS) स्तर के लिए सरकार में 16 पद हैं मगर तैनात अधिकारियों की संख्या केवल 11 है। इनमें भी अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे अगस्त में ही और नितिन रमेश गोकर्ण सितंबर में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में 16 में से केवल 9 पदों पर अधिकारी बचेंगे। 
  • प्रमुख सचिव स्तर के 36 पद पर मात्र 29 IAS अफ़सर तैनात हैं। यहां भी सात पद खाली हैं। 
  • सचिव के स्तर पर अधिकारियों की और किल्लत है। सचिव के 96 पदों पर सिर्फ 58 पद पर ही अधिकारियों की तैनाती है। 38 पदों पर कोई अधिकारी नहीं है।
  • कुल मिलाकर देखें तो उत्तरप्रदेश में 652 IAS अफ़सरों की जरूरत है। मगर इस वक्त प्रदेश में केवल 560 आईएएस अधिकारी ही मौजूद हैं।

उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की कमी से लोगों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में स्वीकृत पदों की सख्या के मुकाबले 92 IAS अफ़सरों की कमी है।

उत्तर प्रदेश को नहीं मिल रहे अधिकारी

प्रदेश शासन के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश को 1990 से 2005 के बीच बुहत कम अधिकारी दिए गए। यही कारण है कि अब प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारी हैं ही नहीं। जो भी हैं उनकी तैनाती नई है। कैडर में वरिष्ठ अधिकारियों की कमी हो गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 में पांच, 1992 में दो, 1993 में तीन, 1994 में चार, 1997 में पांच, 1998 में सात, 1999 में छह, 2001 में चार, 2002 में छह और वर्ष 2005 में महज पांच IAS अधिकारियों को ही यूपी कैडर में तैनाती मिली। इनमें से कुछ केंद्र की नौकरी में चले गए। इसकी वजह से सीनियर अधिकारी गिने चुने रह गए। हालांकि इन आंकड़ों में साल 2011 के बाद सुधार हुआ। इधर अधिकारियों की संख्या बढ़ा दी गई। अब यूपी को 16-20 अधिकारी मिलने लगे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर यूपी कैडर में अधिकारियों की संख्या कम हैं। नियमानुसार इनकी संख्या 141 होनी चाहिए। मगर प्रदेश में केवल 25-30 अधिकारी ही हैं। 

केंद्र सरकार की नौकरी आई रास

उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार की नौकरी रास आ गई है। तमाम बड़े अधिकारियों ने राज्य सरकार की नौकरी छोड़ कर केंद्र सरकार में नौकरी करने का फैसला कर लिया है। इसका एक कारण योगी सरकार की सख्त नीति मानी जा रही है। अधिकारियों को सरकार के साथ कदम ताल करने में दिक्कत हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार में दो बड़े अधिकारी एसीएस डॉ. रजनीश चतुर्वेदी और एसपी गोयल केंद्र में जाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आद्रा वामसी को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारी सुजीत कुमार के लिए भी केंद्र ने हरी झंडी दिखा दी है।

इन अधिकारियों ने छोड़ा उत्तर प्रदेश कैडर

  • 1989 बैच के सीनियर IAS भुवनेश कुमार चतुर्वेदी केंद्रीय कृषि विभाग में सचिव के पद पर गए।
  • 1991 बैच के IAS कामरान रिजवी 2017 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
  • 1991 बैच की निवेदिता मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 
  • 1994 बैच के अधिकारी अमित घोष 2017 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
  • 1995 बैच के भुवनेश कुमार 2021 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। सीएम योगी के पहले कार्यकाल में उन्होंने MSME, टेक्निकल एजुकेशन, वित्त सचिव जैसे अहम पदों पर काम किया।
  • 1995 बैच के आईएस अधिकारी मृत्युजय कुमार नारायण 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 
  • 1995 बैच के आमोद कुमार भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
  • 1996 बैच के IAS अधिकारी धीरज साहू नीतीश्वर कुमार, अनीता सी मेश्राम, कामिनी चौहान रतन और वी हेकाली झिमोमी भी दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं।
  • 1996 बैच के IAS अधिकारी संतोष यादव इस समय केंद्र सरकार में NHAI के चेयरमैन हैं।
  • 1987 बैच के IAS अधिकारी अरुण सिंघल भी केन्द्र में सचिव हेल्थ मेडिकल के पद पर तैनात हैं।
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