Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्र की जमानत का किया गया था विरोध, SC में बोली योगी सरकार

Lakhmipur Kheri Case: लखमीपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में यूपी की योगी सरकार ने कहा कि हमने आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत याचिका का HC में विरोध किया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-29 17:51 IST

 सुप्रीम कोर्ट (तस्वीर साभार: सोशल मीडिया) 

Uttar Pradesh Lakhimpur Kheri Case : लखमीपुर खीरी हिंसा (Lakhmipur Kheri Violence) मामले को लेकर शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) अब इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र (Ashish Mishra) पर शिकंजा कस सकती है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में मंगलवार को हुई सुनवाई में यूपी सरकार ने बताया कि वह लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने पर विचार कर रही है। राज्य सरकार ने यह बात आशीष को मिली जमानत के खिलाफ दायर एक याचिका के जवाब में कही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात का भी खंडन किया कि उसने आशीष की जमानत का विरोध इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में नहीं किया गया था।

कल फिर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (SC) लखीमपुर खीडी कांड के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र की जमानत य़ाचिका खारिज कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग वाली याचिका पर बुधवार यानि 30 मार्च को सुनवाई करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को जमानत दी थी। इससे असंतुष्ट होकर पीड़ित परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

पीड़ित पक्ष का आरोप नियमों की हुई अनदेखी

पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को जमानत देते समय इलाहाबाद हाईकोर्ट पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाय़ा। पीड़ितों की ओर से दुष्यंत दवे ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि किसी को भी गोली नहीं लगी है, जबकि तथ्य इसके बिल्कूल विपरित है। ट्रायल कोर्ट जमानत ने देने का आदेश एकदम सही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर आशीष मिश्र से पूछा है कि क्यों न उसकी जमानत रद्द कर दी जाए?

लखीमपुर खीरी कांड की जांच कर रही उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए उसपर च-समझकर हत्या, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं के साथ ही आर्म्स ऐक्ट की धाराओं में केस दर्ज हुआ था। बता दें कि इस मामले ने जमकर सियासी बवाल खड़ा किया था। सत्ताधारी बीजेपी को इसे लेकर विपक्ष का तीखा विरोध झेलना पड़ा था। 

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