Ashish Mishra Bail: राकेश टिकैत बोले- SC से न्याय की उम्मीद, UP सरकार ने ठीक से नहीं किया अपना काम

Lakhimpur Kheri Case: आरोपी आशीष मिश्रा की ज़मानत खारिज़ होने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपना बयान देते हुए कहा है कि 'हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।'

Report :  Amit Kaliyan
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-04-18 10:57 GMT

आशीष मिश्रा बेल पर राकेश टिकैत का बयान: Photo - Social Media

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Case) के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की ज़मानत को खारिज़ करते हुए एक सप्ताह में आशीष मिश्रा को कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं। जिसके चलते इस पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपना बयान देते हुए कहा है कि 'हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।

राकेश टिकैत की माने तो सुप्रींम कोर्ट (supreme court) लखीमपुर खीरी घटना को शुरू से ही मॉनिटरिंग कर रहा है। उसने उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) को भी फटकार लगाई, हमने बार-बार ये कहा है कि SIT की टीम गठित हुई है उसने जो रिपोर्ट दी है उसके आधार पर काम करे। उत्तर प्रदेश सरकार ने ठीक काम नहीं करा तो ही उसको बेल मिली थी, आज सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई करी, उस ज़मानत को खारिज़ किया और एक हफ़्ते में कोर्ट में सरेंडर दोबारा करने की बता कही है। हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट शुरू से इसका संज्ञान ले रहा है, तो हमें पूरी न्याय की उम्मीद है।

राकेश टिकैत ने कहा कि "हम भी 25 तारीख़ में लखीमपुर जा रहे है, वहां लखीमपुर में इसकी एक कमेटी बनाएंगे जो इसको देखेगी। सजा देने का अधिकार कोर्ट का है और जिस तरह का अपराध है उसी तरह की सज़ा दी जाती है।"

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली जमानत को किया रद्द

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कथित आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' (Ashish Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली जमानत को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आशीष मिश्र को समर्पण करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया गया है।

आशीष मिश्रा: Photo - Social Media

किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का है आरोप आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा और बवाल के चलते 4 किसानों सहित कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर कथित तौर से किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और उन्हें मारने का आरोप लगा था। मामले की कार्यवाही करते हुए आशीष मिश्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। बीती 10 फरवरी को करीब 4 महीने जेल में गुजारने के बाद आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव और अन्य पक्षों पर सुनवाई के बाद जमानत देते हुए रिहा कर दिया था।

भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों को रौंदा था

हालांकि, इसके विपरीत लखीमपुर खीरी हिंसा और हत्यकांड मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जांच के लिए गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट जमा की थी जिसमें सीधे तौर पर आशीष मिश्र पर आरोप साबित करते हुए कहा गया था कि उन्होनें अपनी तेज रफ्तार गाड़ी से भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों को रौंदा जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने किया नामंजूर आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली जमानत के फैसले को चुनौती देते हुए पीड़ित परिवार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी तथा इस याचिका के तहत आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत आज सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को नामंजूर करते हुए दोषी आशीष मिश्र की जमानत रद्द कर दी है। पीड़ित परिवार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से मामले में न्याय को लेकर गुहार लगाई थी।

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