Lakhimpur Kheri Hinsa: पूर्व जस्टिस प्रदीप श्रीवास्तव को सौंपी गई जांच, 2 महीने में देनी होगी रिपोर्ट
Lakhimpur Kheri Hinsa: लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर सरकार ने जांच कमेटी गठित कर दी है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव इस पूरे मामले की जांच करेंगे।
Lakhimpur Kheri Hinsa: लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर सरकार ने जांच कमेटी (Janch Committee) गठित कर दी है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (Pradeep Kumar Srivastava) इस पूरे मामले की जांच करेंगे। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है। न्यायिक जांच का मुख्यालय लखीमपुर खीरी ही होगा।
जांच कमेटी वहीं रह कर पूरे मामले की तहकीकात करेगी। आयोग को 2 महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी। बता दें आज इस मामले पर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण का स्वत संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इस मामले को सुनेंगे, उससे पहले यह अधिसूचना जारी की है।
सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराने के दिए थे आश्वासन
रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के बाद सरकार ने राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की अगुवाई में किसानों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया था कि वह हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से पूरी घटना की जांच कराएंगे। इसके साथ ही सरकार ने मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए एक सदस्य को नौकरी जबकि घायलों को 10-10 लाख रुपए देने का ऐलान किया था । इस सभी मुद्दे को सुनकर किसानों और सरकार के बीच सहमति बनी थी । मृतक किसानों का अंतिम संस्कार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
लखीमपुर खीरी कांड को लेकर आज का दिन काफी अहम है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत संज्ञान ले लिया है जिस पर आज वह सुनवाई करेगा।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ नरसंहार हुआ। अब तक इसके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिसमें शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौट रहे किसानों को थार जीप से रौंद दिया गया। उसके पीछे तीन अन्य गाड़ियां तेज रफ्तार से निकलती हुई दिखाई देती है। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) और उनके समर्थकों ने इन किसानों को रौंदा है ।जबकि मंत्री का कहना है कि उनका बेटा वहां पर मौजूद नहीं था। उनके समर्थक वहां उस गाड़ी में बैठे थे। फिलहाल अब जांच कमेटी का गठन हो गया है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी कि वह अपनी रिपोर्ट में किसे दोषी ठहराते हैं।
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