Lakhimpur Kheri Violence: प्रियंका पुलिस हिरासत में, अब तक रोके गए ये दिग्गज, शिवपाल ने फिर दिया पुलिस को चकमा

Lakhimpur Kheri Violence: सपा, कांग्रेस, प्रसपा, बसपा समेत कई दलों के बड़े नेताओं को लखीमपुर जाने से रोकने के लिए लखनऊ प्रशासन ने सभी को हाउस अरेस्ट किया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-10-04 07:24 GMT

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश की सरकार के लिए लखीमपुर तिकोनियां कांड (Lakhimpur Kheri Kand) अब गले की फांस बन गया है। किसानों की मौत (Kisano Ki Maut) के मुद्दे पर लखनऊ से लेकर लखीमपुर तक सड़कों पर बेहद तनाव का माहौल है। सपा, कांग्रेस, प्रसपा, बसपा समेत कई दलों के बड़े नेताओं को लखीमपुर जाने से रोकने के लिये लखनऊ प्रशासन ने सभी को हाउस अरेस्ट (House Arrest) किया। लेकिन जब नेता सरकार के इस हाउस अरेस्ट के नियम को तोड़कर अपने घर से लखीमपुर जाने के लिये सड़कों पर निकले तब प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

प्रियंका ली गईं कस्टडी में, प्रमोद तिवारी हुए हाउस अरेस्ट

लखीमपुर जाने के लिए कल रात में ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) लखनऊ आ गईं थीं। जब वे आंदोलित व मृत किसानों के परिजनों से मिलने के लिए लखीमपुर तिकोनियां के लिए आगे बढ़ी तो रास्ते में पुलिस व प्रशासन के कई बड़े अधिकारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। लेकिन वे नहीं रुकीं। इस दौरान प्रियंका से पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से तीखी तीखी झड़पें भी हुई।

जब प्रशासन ने यह समझ लिया कि बिना सख्ती किये प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाने से नहीं रोका जा सकता, तब प्रशासन व पुलिस के बड़े अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें महिला पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। इस समय प्रियंका गांधी को 2nd बटालियन सीतापुर कैम्पस में रखा गया है। इधर पुलिस ने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) व विधान मंडल की नेता मोना मिश्रा (Aradhana Misra aka Mona Misra) को हाउस अरेस्ट किया हुआ है। 

शिवपाल सिंह फिर चकमा देने में हुए कामयाब

लखनऊ प्रशासन ने प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को भी उनके निजी आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया था। लेकिन शिवपाल सिंह यादव घर के बाहर लगी पुलिस फोर्स व अधिकारियों को गच्चा देकर अपने घर की दीवार फांद कर सड़क पर आए और अपनी कार में बैठे फिर लखीमपुर के लिये निकल गए।इसके बाद कई पुलिस टीमों ने शिवपाल की लोकेशन लेने की बहुत कोशिश की। लेकिन उनकी सटीक लोकेशन न मिलने से लखनऊ प्रशासन के पसीना आ गया।

फिर लोकेशन मिलते ही पुलिस ने शिवपाल सिंह यादव को जानकीपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज के पास रोक लिया। फिर शिवपाल को उनके कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि शिवापल पुलिस लाइन से भी पुलिस को चकमा देकर फिर लखीमपुर तिकोनियां के लिये निकल चुके हैं। अब प्रशासन फिर उनकी तलाश कर रहा है।

किसानों की ये हैं मांगें

लखीमपुर में इस समय सरकार से जुड़े कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं। जो किसानो से इस मुद्दे पर समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि सीएम योगी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री व उनके पुत्र समेत दो दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन किसान अभी सन्तुष्ट नहीं हुए हैं।

किसानों ने प्रशासन के समक्ष अपनी पहली मांग यह रखी है कि मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त किया जाये।

दूसरी मांग है कि मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को तत्काल गिरफ्तार किया जाये।

तीसरी मांग यह है कि मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

किसानों की चौथी मांग यह है कि मृतक किसानों के परिजनों को सरकारी नोकरी दी जाए।

किसानों की मांगों का यह प्रस्ताव अधिकारियों ने शासन को भेज दिया है। अभी सरकार की तरफ से किसानों की इन मांगों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। 

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