प्रयागराज : अधिग्रहित भूमि का बढ़ी दर से मुआवजा देने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैनपुरी पाॅश इलाके में आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहीत भूमि का बढ़ी दर से मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मैनपुरी द्वारा तय मुआवजे की दर को अपर्याप्त माना तथा रेफरेंस कोर्ट के फैसले को अनुचित करार दिया है।

Update: 2019-03-26 14:33 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैनपुरी पाॅश इलाके में आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहीत भूमि का बढ़ी दर से मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मैनपुरी द्वारा तय मुआवजे की दर को अपर्याप्त माना तथा रेफरेंस कोर्ट के फैसले को अनुचित करार दिया है।

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मैनपुरी के विमल कुमार मिश्र सहित दर्जनों भूमाफियाओं की प्रथम अपील को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने दिया है। मैनपुरी के अकुरिया देहात में मार्च 1980 में 39.40 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गयी। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने 1984 के इसका अवार्ड घोषित करते हुए18.10 रूपये प्रति स्क्वायर यार्ड मुआवजा तय किया। इसमें बड़ा प्लाट होने के कारण 25 प्रतिशत की कटौती भी की गयी जबकि अधिग्रहीत भूमि में से 12.83 एकड़ का मुआवजा निचला क्षेत्र होने के आधार पर 25 प्रतिशत की और कटौती के साथ 10.19 रूपये प्रति स्क्वायर यार्ड तय किया गया। इसे रेफरेंस कोर्ट में चुनौती दी गयी मगर कोर्ट ने मुआवजे की राशियों को सही करार दिया। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गयी।

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कहा गया कि अधिग्रहीत भूमि मैनपुरी के प्रमुख स्थान पर स्थित है। यहां से रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल और कचहरी के लिए रास्ते निकलते हैं। इस स्थान पर जमीन का बाजार मूल्य अधिक है। इसके पास की जमीन की रजिस्ट्री जिस मूल्य पर हुई है उसे उदाहरण के तौर पर न लेकर अपेक्षाकृत कम मूल्य के बैनामे वाली भूमि का उदाहरण लिया गया है। कोर्ट ने याचीगण की दलील में बल पाते हुए मुआवजे की राशि 39 रूपये प्रति सक्वायर यार्ड और निचली भूमि के लिए 33 रूपये प्रति स्क्वायर यार्ड तय करते हुए याचिका निस्तारित कर दी है।

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