लव जिहादियों की खैर नहीं: UP में कानून को मिली मंजूरी, आज से हुआ लागू

अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो।

Update: 2020-11-28 06:52 GMT
लव जिहादियों की खैर नहीं: UP में कानून को मिली मंजूरी, आज से हुआ लागू

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: लव जिहाद को लेकर देश भर में चल रही बहस के बीच यूपी में पारित इस अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिल गयी है। इसके बाद यह अध्यादेश पूरे प्रदेश में लागू हो गया है। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद यूपी इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। बतातें चलें कि हाल ही में योगी मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को पारित किया था। जिसके बाद राजभवन से इसे आज मंजूरी मिल गयी है। अब सरकार इसे छह महीने के विधानसभा सत्र में पारित करवा लेगी।

धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में

अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो। इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

सामूहिक धर्म परिवर्तन में सख्त कार्रवाई

सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण रद्द कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोई धर्मांतरण छल, कपट, जबरन या विवाह के जरिए नहीं किया गया है, इसके सबूत देने की जिम्मेदारी धर्म परिवर्तन कराने वाले तथा करने वाले व्यक्ति पर होगी।

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अब इस कानून की पूरे देष में सराहना हो रही है। इस अध्यादेश को अपने प्रदेश में लागू करने के लिए कई अन्य राज्य भी इस दौड़ में शामिल हैं। जल्द ही महाराष्ट्र हरियाणा और मध्यप्रदेश में भी लव जिहाद कानून को लागू करने की तैयारी चल रही है।

अधिकतम पांच साल कैद तथा 15000 रुपए जुर्माना

इस कानून में कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल कैद तथा 15000 रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के मामले में यह सजा तीन साल से 10 वर्ष तक की कैद और 25000 रुपये जुर्माने की होगी। इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में अधिकतम 10 साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।

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