हद है! वकीलों ने जज के साथ की मारपीट, न्यायाधीश ने लिखा पत्र
इस घटना का विवरण देते हुए सन्दीप जैन ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर दोषी वकीलों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किये जाने की माँग की है।
बाराबंकी: तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद के बाद यूपी के बाराबंकी से भी अधिवक्ताओं का बदसलूकी भरा चेहरा सामने आया है। यहां वकीलों ने हड़ताल किया। इस दौरान एक जज के कार्यालय में घुस कर उसके साथ तथा उसके स्टाफ के साथ जम कर बदसलूकी की। जज ने वकीलों की बदसलूकी के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर मुकदमा लिखने का अनुरोध किया है।
40-50 वकील झुण्ड बना कर उनके कार्यालय में घुस आए..
बाराबंकी में वकीलों की गुंडई उस वक्त सामने आई जब काफी संख्या में इकट्ठा हुए वकील एक जज सन्दीप जैन के कार्यालय में घुस कर उत्पात मचाने लगे। सन्दीप जैन मोटर दुर्घटना दावा अभिकरण के पीठासीन अधिकारी हैं। सन्दीप जैन का कहना है कि वह अपने कार्यालय में बैठ कर कुछ जरूरी आदेश अपने आशुलिपिक से लिखवा रहे थे। तभी कमरे में 40-50 वकील झुण्ड बना कर उनके कार्यालय में घुस आए और उनसे कालर पकड़ कर अभद्रता कर कहने लगे कि हड़ताल के दिन काम क्यों करवा रहे हो। उनके अलावा वकीलों ने उनके आशुलिपिक, गनर और स्टाफ के लोगों के साथ भी गाली गलौज और अभद्रता की।
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मोबाइल से फोटो खींचने पर मोबाइल फोन छीन लिया और जम कर उत्पात मचाया। इस घटना का विवरण देते हुए सन्दीप जैन ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर दोषी वकीलों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किये जाने की माँग की है। सन्दीप जैन के कार्यालय में क्लर्क के पद पर तैनात रिंकू ने बताया कि आज 50-60 वकील एक साथ साहब के कमरे में आ धमके और गाली गलौच करने लगे। उनका कहना था कि आज बाइकाट है आज काम क्यों कर रहे हो। वकीलों ने इस दौरान साहब के साथ-साथ पूरे स्टाफ के साथ गाली गलौच किया। स्टेनो रूम में यह सब काफी देर तक चलता रहा।
अज्ञात वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस मामले में बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि जैसा जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन वकीलों ने दिया था कि आज उनकी हड़ताल है उसी क्रम में आज कुछ वकील एक जज संदीप जैन के यहाँ पहुँच कर उनसे व उनके स्टाफ से अभद्रता किए है। इस सम्बन्ध सन्दीप जैन की तहरीर पर अज्ञात वकीलों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। आगे जाँच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। अभी अभद्रता की बात सामने आई है और सरकारी कार्य में बाधा डालने का अभियोग पंजीकृत किया गया है। सीसीटीवी कैमरे की भी जाँच में यदि कोई फुटेज मिलता है तो उसे भी संज्ञान में लिया जाएगा।
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