नोटबंदी के बाद LDA ने कुछ ही घंटों में बेची 101 Cr की संपत्ति, नीलामी में लोगों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

एक तरफ नोटबंदी के बाद निजी बिल्डरों की प्रापर्टी बिक नहीं रही है। प्रापर्टी के दामों में गिरावट आने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) है, जिसकी संपत्ति की डिमांड कम नहीं हो रही है।

Update: 2016-12-15 11:38 GMT

लखनऊ: एक तरफ नोटबंदी के बाद निजी बिल्डरों की प्रापर्टी बिक नहीं रही है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) है, जिसकी संपत्ति की डिमांड कम नहीं हो रही है। बुधवार (14 दिसंबर, 2016) को एलडीए की नीलामी में 101 करोड़ की संपत्ति कुछ ही घंटे में बिक गई। इस नीलामी प्रक्रिया में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

हालांकि एलडीए अफसरों को नोटबंदी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा लगातार की जा रही सख्ती के कारण नीलामी में बोलीदाताओं के आने की उम्मीद बहुत कम थी। संयुक्त सचिव एनएन सिंह ने बताया कि गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, सीजी सिटी, चक गंजरिया सहित अन्य योजनाओं की व्यावसायिक भूखंडों और दुकानों की नीलामी जन सामान्य और गठित समिति की उपस्थिति में हुई।

उन्होंने बताया कि गोमती नगर योजना के आठ, गोमती नगर विस्तार और सीजी सिटी चक गंजरिया में एक एक संपत्तियों पर बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया और 101 करोड़ की व्यावसायिक संपत्ति बिक गई। अब एलडीए को उम्मीद जग गई है कि उसके फ्लैटों को लेने के लिए भी आवेदनों की संख्या बढ़ेगी। इससे एलडीए हर व्यक्ति के छत का सपना पूरा कर सकेगा।

वहीं नीलामी में गठित समिति के सदस्यों में संयुक्त सचिव एनएन सिंह, नगर नियोजक टीपी सिंह, उपसचिव अम्बी बिष्ट, सहायक लेखाधिकारी उमेश शुक्ला की उपस्थिति में नीलामी की प्रक्रिया पूरी हुई। एनएन सिंह ने कहा कि जो रिक्त संपत्तियां रह गई हैं, उन्हें अगली नीलामी में बेचा जाएगा।

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