जौनपुर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम, बाल अधिकार एवं यौन अपराध पर हुई चर्चा

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर  एम0 पी0 सिंह की अनुमति एवं कुशल निर्देशन में ‘‘मध्यस्थता हाल, ए0डी0आर0 भवन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर‘‘ में 18 फरवरी 2021 को ˮबाल अधिकार एवं यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षणˮ विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Update: 2021-02-18 13:43 GMT
जौनपुर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम, बाल अधिकार एवं यौन अपराध पर हुई चर्चा

जौनपुर: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर एम0 पी0 सिंह की अनुमति एवं कुशल निर्देशन में ‘‘मध्यस्थता हाल, ए0डी0आर0 भवन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर‘‘ में 18 फरवरी 2021 को ˮबाल अधिकार एवं यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षणˮ विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बच्चों के अधिकारों की जानकारी

इस अवसर पर मो0 फिरोज सिविल जज सी0डि0/प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों के अधिकार के विषय में कहा गया कि कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष से कम आयु का है अर्थात वयस्कता प्राप्त नहीं किया है बच्चा कहलाता है, अनुच्छेद 54 में बच्चों को 41 विशिष्ट अधिकार दिये गये हैं जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विवाह निषेध, क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां, बाल श्रम निषेध, यौन शोषण से बचाव, बाल तस्करी से बचाव, जिन्दा रहना एवं विकसित होना, कोई भेद-भाव नहीं किया जाना आदि प्रमुख हैं, प्रभारी सचिव द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2000, बाल यौन उत्पीड़न अधिनियम 2012 एवं बाल विवाह निषेध अधिनियम पर भी प्रकाश डालते हुए सजा के प्रावधानों के बारे में बताया गया।

उचित एवं कड़ी सजा की व्यवस्था

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण का संशोधित विधेयक 2019 के बारे में बताते हुए कहा गया कि यह अधिनियम यौन शोषण, यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से बच्चों के संरक्षण किया जाना है तथा इस विधेयक का उद्देश्य बाल यौन शोषण के बढ़ते मामलों की जाॅंच कर उचित एवं कड़ी सजा की व्यवस्था की गयी है। इस अधिनियम की एक विशेषता यह है कि इसमें लैंगिक भेदभाव नहीं किया गया है तथा बच्चों के हित और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बच्चों को यौन अपराध, यौन उत्पीड़न तथा पोर्नोग्राफी से संरक्षण प्रदान कराया जाना है तथा बताया कि इस अधिनियम के तहत विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

इस अवसर पर मनोज वर्मा संधिकर्ता, देवेन्द्र यादव पैनल अधिवक्ता, अवधेश मौर्य एडवोकेट, शिव शंकर सिंह, सुनील गौतम, सुबास यादव पीएलवीगण एवं वादकारीगण उपस्थित रहे।

कपिलदेव मौर्या

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