Sonbhadra News: 6 वर्षीय मासूम के साथ छेड़छाड़ करने वाले को मिली उम्रकैद

Sonbhadra News: पांच वर्ष पूर्व हैंडपंप पर पानी लेने गई छह वर्षीय मासूम के साथ छेड़छाड़ करने वाले को अदालत ने उमक्रैद की सजा सुनाई है।

Update:2022-09-29 18:47 IST

महिला से रेप करने वाला तांत्रिक बाबा अरेस्ट (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: पांच वर्ष पूर्व हैंडपंप पर पानी लेने गई छह वर्षीय मासूम के साथ छेड़छाड़ करने वाले को अदालत ने उमक्रैद की सजा सुनाई है। छेड़छाड़ के मामले में संभवतः जिले में पहली बार अदालत से इतना बड़ा फैसला आया है। इसको लेकर जहां लोगों में चर्चा बनी रही। वहीं लोग अदालत के फैसले को सराहते रहे।

पाक्सो एक्ट की अदालत ने पाया दोषी, सुनाया फैसला

अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निहारिका चैहान की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोष सिद्ध पाकर दोषी हीरा कोल को उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का निर्णय पारित किया। अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

दादा ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी, यह था मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने दो जुलाई 2017 को घोरावल कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी। आरोप लगाया कि एक जुलाई 2017 को शाम छह बजे उसकी छह वर्षीय नातिन हैंडपंप पर पानी लेने गई थी। वहां पहले से मौजूद घोरावल कोतवाली क्षेत्र के पेढ़ गांव निवासी हीरा कोल उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर गांव घर के तमाम लोग पहुंच गए। लोगों को पहुंचा देखकर हीरा कोल भागने लगा जिसे दौड़ाकर लोगों ने पकड़ लिया।

विवेचना में पुलिस को मिले पर्याप्त सबूत, तब दाखिल की गई चार्जशीट

तहरीर के आधार पर घोरावल कोतवाली पुलिस ने तहरीर के दिन ही पॉक्सो एक्ट एवं छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी हीरा कोल को उम्रकैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने अदालत के सामने पीड़िता का पक्ष रखा और दलीलें पेश की।

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