UP News: आजीविका मिशन कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर भरी हुंकार, निकाली रैली, जताया विरोध

UP News:सूबे के 75 जिलों से आए मिशन के कर्मचारियों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए मांगे न मानने तक कार्य बहिष्कार करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मिशन के मुख्याल के अधिकारी शासन को कर रहे हैं गुमाराह।

Update:2023-12-18 20:19 IST

आजीविका मिशन कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर भरी हुंकार, निकाली रैली, जताया विरोध: Photo- Newstrack

UP News: 30 नवंबर से प्रदेश व्यापी हड़ताल करके उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मियों ने आंदोलन की मुहिम फिर से छेड़ दी है। अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर 75 के 75 जिले कार्य बहिष्कार करके अपने बकाया लाभों-मांगों को लेकर अड़ गए हैं।

उत्तर प्रदेश आजीविका मिशन कर्मचारी यूनियन और समस्त जनपदों द्वारा ज्ञापन सौंपकर पूर्व चेतावनी के अनुसार अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया था। आज आंदोलन के 19 वें दिन सोमवार को भी 75 जनपदों को एक साथ कार्य बहिष्कार पर रहने से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित यह योजना अपनों की ही बेरुखी से हासिये पर नजर आ रही है। क्योंकि दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में समूचे प्रदेश में इस योजना को बल देने वाले समस्त6 जिला मिशन प्रबंधक, ब्लॉक मिशन प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित समस्त मिशन कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं और अपना डेरा आंदोलन स्थल लखनऊ के ईको गार्डन में जमाए हुए हैं।

बताते चलें कि आंदोलन को तेज होता देख मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों ने मिशन मुख्यालय में दो बार वार्ता करके यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को कार्य बहिष्कार को खत्म करने हेतु दबाव बनाया, लेकिन यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने साफ तौर पर कह दिया है की जब तक धरातल पर हमारे लंबित लाभ हमे प्राप्त नहीं हो जाते तब तक हम पीछे हटने वाले नहीं है। हालांकि मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों का कहना है कि समस्त मिशन कर्मी कुछ वक्त और दे दें और अपने कार्य बहिस्कार को खत्म करके वापस काम पर आ जाएं लेकिन हर बार मिशन मुख्यालय से इस प्रकार के झूठे आश्वासन मिलने से मिशन कर्मियों में रोष व्याप्त है और इस बार कोरे आश्वासन पर यकीन कर लिया जाए इसका उनके पास कोई कारण नहीं है।

राजधानी स्थित ईको गार्डन में समस्त जनपदों से आए मिशन कर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी जनपदों के मिशन कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर अड़े हुए हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने आंदोलन को और तेज गति देने की बात कहते हुए बताया कि मिशन मुख्यालय के आला अधिकारी हमारी मांगों को लेकर शुरू से ही उदासीन हैं और शासन तक हमारी बात को पहुंचने नहीं दे रहे हैं। मिशन में बैठे आला अधिकारी शासन में बैठे जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि हमारी मानव संसाधन नियमावली में साफ तौर पर जो मांगे हम मांग रहे हैं वह पूर्व से उनकी एचआर पॉलिसी में सक्षम स्तर से अनुमोदित है। इसके बाद भी मिशन के आला अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए सुध लेते हुए एचआर पॉलिसी में निहित मांगों-लाभों को पूरी करने की बात कही है।

वहीं उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मचारी यूनियन ने एक नया मोड़ ले लिया है। आज समूचे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार के बढ़ते क्रम में इको गार्डन में एक जनसभा आयोजित की। जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने मेडिकल और इंश्योरेंस पॉलिसी के अभाव में मृतक हुए कर्मियों के परिवार को प्रतिपूर्ति न मिलने एवं उनकी याद में श्र‌द्धांजलि सभा को संबोधित किया। इसके उपरांत 75 जनपदों से आए हुए मिशनकर्मियों ने कैंडिल मार्च रैली निकाली जो जियामऊ मार्ग से होती हुई 1090 चैराहे पर समाप्त हुई। जिनमें पुरुषों के साथ-साथ महिला शक्ति भी रही।

आखिर क्या हैं मांगें-

आखिर क्या मांगें हैं मिशन कर्मियों की जिनके कारण उन्हें लखनऊ की सड़कों पर इतनी बड़ी संख्या में उतरना पड़ा। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित उतर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समस्त कर्मचारी अपनी कागजों में लागू मानव संसाधन के अनुसार लाभ न दिए जाने के कारण अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मानव संसाधन पॉलिसी के अनुसार ये मिशन कर्मियों की प्रमुख मांगें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत समस्त कर्मचारियों को उनके नियुक्ति के समय से प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष वार्षिक वेतन वृ‌द्धि दिया जाना था जो पिछले 10 सालों से लंबित है।

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