UP में 1065 नियुक्तियां: CM योगी ने बांटे नियुक्ति पत्र, आयुष चिकित्सा पर बोले ये..

मिशन रोजगार के अन्तर्गत आयुष विभाग के नवचयनित 1065 आयुर्वेद एवं  होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। 

Update:2021-01-04 20:33 IST
इसके तहत उन्होंने जनपद गोरखपुर के डॉ पशुपति नाथ त्रिपाठी, चन्दौली की डॉ अर्चना राय, मथुरा की डॉ दीप्ति, महोबा की डॉ अमिता सिंह तथा फर्रूखाबाद के डॉ प्रदीप कुमार से वर्चुअल संवाद किया।  

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में भारतीय आयुष चिकित्सा पद्धति ने पूरी दुनिया को इससे जोड़ा है, क्योंकि आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार होता है। आज ग्राम पंचायत से लेकर नीति आयोग तक की बैठकों में काढ़े की मांग है।

 

मिशन रोजगार

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर मिशन रोजगार के अन्तर्गत आयुष विभाग के नवचयनित 1065 आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऋतु परिवर्तन के दौरान काढ़ा हम भारतीय आदि काल से पीते आये हैं। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल खण्ड के दौरान आयुष कवच-कोविड एप को लॉन्च किया था। इसका लाभ प्रदेशवासियों को प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ टूरिज्म सेक्टर में प्रदेश को पहचान दिलायी जाएगी। योग वेलनेस सेण्टर प्रदेश में हेल्थ टूरिज्म को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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होम्योपैथी तथा नेचुरोपैथी में अपार सम्भावनाएं

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 142 योग वेलनेस सेण्टर्स का उद्घाटन तथा उत्तर प्रदेश आयुष टेलीमेडिसिन का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि आयुष पद्धतियों यथा आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी तथा नेचुरोपैथी में अपार सम्भावनाएं हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार आयुष पद्धतियों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष मिशन को एक अभियान का रूप देते हुए आयुष मंत्रालय का गठन किया, उनकी प्रेरणा से आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। प्रधानमंत्री ने भारतीय योग पद्धति को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलायी है। उनके प्रयासों से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

 

परम्परागत चिकित्सा पद्धति

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवचयनित आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों के लिए बेहतर कार्य करेंगे, तो जनकल्याण हेतु एक बड़ा मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 25 वर्षाें में आयुष विभाग की सबसे बड़ी नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की गयी है। यह नियुक्तियां पूर्णरूप से निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की गयी हैं।

 

विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सुविधा

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां आयुष टेलीमेडिसिन का शुभारम्भ किया गया है। इस नई सेवा से प्रदेशवासियों को घर बैठे आयुष विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सुविधा मिल सकेगी। प्रथम चरण में गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ सहित प्रदेश के 16 जनपदों की 384 डिस्पेंसरियां इस व्यवस्था से जुड़ी हैं। कोरोना काल खण्ड में टेलीमेडिसिन का विशेष महत्व है। टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन पद्धति को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है कि इसका विस्तार किया जाए।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 11 नवचयनित आयुष चिकित्सकों-डॉ श्रेया पाण्डेय, डॉ रिषभ कुमार, डॉ वसीम, डॉ पारुल वर्मा, डॉ पल्लवी पाण्डेय, रत्नेश कुमार, डॉ निहारिक गुप्ता, डॉ तान्या वाष्र्णेय, डॉ आशीष गोयल, डॉ बवीता कैन तथा डॉ अदिति सोनकर को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने 5 जनपदों के नवनियुक्त चिकित्सकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा वार्ता की। इसके तहत उन्होंने जनपद गोरखपुर के डॉ पशुपति नाथ त्रिपाठी, चन्दौली की डॉ अर्चना राय, मथुरा की डॉ दीप्ति, महोबा की डॉ अमिता सिंह तथा फर्रूखाबाद के डॉ प्रदीप कुमार से वर्चुअल संवाद किया।

 

रिपोर्टर श्रीधर अग्निहोत्री

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