कांग्रेस में नया पद: बागी नेता बने 'चिट्ठी लेखक', संगठन से हुए बाहर

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी अध्‍यक्ष पद के प्रबल दावेदार थे लेकिन कांग्रेस हाईकमान को संघर्ष शील नेतृत्‍व का भरोसा दिलाने में नाकाम रहे।

Update:2020-09-07 09:14 IST
पार्टी के उभरते शक्ति केंद्रों से तालमेल बिठाने में नाकाम कांग्रेस नेताओं को नई संरचना से बाहर कर पार्टी नेतृत्‍व ने साफ संकेत दे दिए हैं कि जो संघर्ष के लिए तैयार नहीं हैं उन्‍हें चिठ़ठी लेखक ही बनकर रहना होगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन को चार्ज करने में जुट गई है। पार्टी के उभरते शक्ति केंद्रों से तालमेल बिठाने में नाकाम कांग्रेस नेताओं को नई संरचना से बाहर कर पार्टी नेतृत्‍व ने साफ संकेत दे दिए हैं कि जो संघर्ष के लिए तैयार नहीं हैं उन्‍हें चिठ़ठी लेखक ही बनकर रहना होगा।

कांग्रेस ने शुरू की 2022 की तैयारी

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 के लिए तैयारी तेज कर दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान संगठन की बागडोर संभालने वाली प्रियंका गांधी ने मौके की नजाकत देखते हुए सपा-बसपा गठबंधन के समर्थन में बयान देकर कांग्रेस की वोटकटवा पार्टी भूमिका को स्‍वीकार कर लिया था। लेकिन इसके ऐन बाद पार्टी ने संघर्ष की राह पर चलने का कठोर फैसला कर लिया। सोनभद्र के उम्‍भा गांव कांड या उन्‍नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, शाहजहांपुर में भाजपा नेता व पूर्व मंत्री चिन्‍मयानंद से जुड़ा सेक्‍स कांड हो।

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कांग्रेस ने शुरू की 2022 की तैयारी (फाइल फोटो)

सभी मामलों में कांग्रेस का योगी सरकार के खिलाफ हमलावर तेवर ही देखने को मिला। इसी रणनीति के तहत पार्टी नेतृत्‍व ने राजबब्‍बर को हटाकर पार्टी की कमान जुझारू तेवर वाले अजय कुमार लल्‍लू को सौंपी। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी अध्‍यक्ष पद के प्रबल दावेदार थे लेकिन कांग्रेस हाईकमान को संघर्ष शील नेतृत्‍व का भरोसा दिलाने में नाकाम रहे। यही वजह है कि कांग्रेस में अब उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाया जा रहा है जो संघर्ष के लिए तैयार हैं और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने का दमखम रखते हैं।

चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को हाईकमान ने रखा हाशिये पर

कांग्रेस ने शुरू की 2022 की तैयारी (फाइल फोटो)

कांग्रेस हाईकमान ने रविवार को उत्तर प्रदेश संगठन के नए ढांचे के तहत जिन कमेटियों का ऐलान किया है उनमें नेतृत्‍व के भरोसेमंद चेहरों के साथ ही उन लोगों को मौका दिया गया है जो भाजपा और अन्‍य राजनीतिक दलों से दो- दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। इसके विपरीत उन लोगों पर बिल्‍कुल ध्‍यान नहीं दिया गया जो पत्र-लेखन राजनीति में विश्‍वास करते हैं। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्‍य होने के बावजूद चिठ़ठी लिखकर अपनी बात कहने वालों में पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष राजबब्‍बर और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी शामिल हैं।

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पार्टी के जानकार बताते हैं कि हाईकमान इस बात से बेहद नाराज हैं कि इन सभी नेताओं को कार्य समिति की बैठक में अपनी बात कहने का अवसर उपलब्‍ध था। इसके अलावा सभी पत्र लिखने वाले नेताओं की कांग्रेस में ऐसी हैसियत है कि वह जब चाहें तब हाईकमान से मुलाकात कर अपनी बात कह सकते हैं। तब भी इन लोगों ने ना केवल चिठ़ठी लिखी वरन उसे मीडिया में भी पहुंचाया। इससे सबक लेकर नेतृत्‍व ने तय किया है कि अब ऐसे नेताओं को काम करने का मौका दिया जाएगा जो पार्टी फोरम पर अपनी बात कहें और जमीन पर उतरकर संघर्ष करने के लिए तैयार रहें। बागी तेवर अपनाने वाले नेताओं को भी बता दिया गया है कि अगर वह नई टीम के मुकाबले अपना प्रदर्शन करने में सक्षम हैं तो भविष्‍य में मौका मिलेगा अन्‍यथा चिठ़ठी लेखक बने रहें।

अखिलेश तिवारी

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