Lucknow: एलडीए के बाबुओं का खेल, 2200 फ्लैट परिचितों के नाम कराया बुक

Lucknow: LDA के बाबूओं ने सांठगांठ कराकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के 2200 फ्लैट अपने परिचित और रिश्तेदारों के नाम बुक कराकर इसे होल्ड करा दिया।

Update: 2022-07-18 12:49 GMT

लखनऊ विकास प्राधिकरण| (Social Media)

Lucknow: एलडीए में बाबुओं के खेल को अब तक आपने पैसों के लेनदेन के रूप में देखा और सुना होगा, लेकिन इन बाबूओं ने सांठगांठ कराकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के 2200 फ्लैट अपने परिचित और रिश्तेदारों के नाम बुक कराकर इसे होल्ड करा दिया था। इन 2200 फ्लैटों में कई का पूरा पैसा जमा होने के बाद भी उसकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई है। कई ऐसे हैं जो बुक कराकर होल्ड कर दिया गया है। जो फ्लैट आम जनता के लिए बनाए गए थे उसमें एलडीए के बाबुओं ने बड़ा खेल करके मोटी रकम बनाने की योजना तैयार कर अपनी झोली भरने में लग गए।

जांच में नामों का हुआ खुलासा

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी (Vice President Indramani Tripathi) ने चार्ज संभालने के बाद जब प्राधिकरण के फ्लैटों की समीक्षा कराई तो तो उसमें 2200 फ्लैट ऐसे मिले जिनकी रजिस्ट्री नहीं थी और उसका पैसा जमाकर होल्ट कर दिया गया था। बाबुओं ने अपने पद का फायदा उठाते हुए पहले इसे बुक कराया और आगे चलकर महंगे दामों में बेचने का पूरा प्लान भी तैयार कर लिया। लेकिन अब उनका ये सारा प्लान फेल होता नजर आ रहा है और जांच में उनके नामों का भी खुलासा हो गया है। जिसका आवंटन रद्द करने का आदेश भी जारी हो गया है।

वर्ष 2009 से 2015 तक की है योजना

जिन 2200 प्लैटों का पता चला है वह साल 2009 से लेकर 2015 तक की योजना के हैं। इसमें गोमती नगर विस्तार जैसे पॉश इलाके के फ्लैट शामिल हैं। दरअसल जब इस योजना की शुरुआत हुई थी तब इनकी कीमत कम थी लेकिन अब यहां जमीन और फ्लैट की कीमत लाखों-करोड़ों में पहुंच गई है। जिस वक्त की ये योजना है कि उस समय गोमती नगर विस्तार में 2 बेडरूम के फ्लैट की कीमत 18 लाख रुपये थी आज यह 40 से 50 लाख तक पहुंच गए हैं।

ऐसे होता है खेल

दरअसल एलडीए की जो भी योजना निकलती है, विभाग में तैनात बाबुओं को उसकी पूरी जानकारी होती है। वह पहले ही इसमें जुगाड़ बैठा लेते हैं और फ्लैटों की बुकिंग में खेलकर अपने परिचित और रिश्तेदार के नाम आवंटित करा लेते हैं। बाद में उसकी कीमत बढ़ने पर उसे महंगे दामों में बेचकर मोटा माल कमाते हैं। प्राधिकरण में ऐसे तमाम बाबू हैं जिनके कई मकान हैं और वह करोड़ों के मालिक भी हैं। इसी तरह से खेल करके वह लाखों-करोंड़ों के मालिक बन बैठें हैंय़

वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी का क्या है कहना?

इस पूरे प्रकरण पर उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी (Vice President Indramani Tripathi) ने कहा है फ्लैटों की समीक्षा में पता चला कि बड़े पैमाने पर प्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है। इनका विवरण निकाला गया तो पता चला की बाबुओं ने अपने सगे संबंधियों के नाम इन फ्लैटों का आवंटन कराया है। कई का पंजीकरण सिर्फ हुआ तो कई की पूरी रकम जमा होने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही थी। अब इसे होल्ड कर दिया गया है, इन सभी को नोटिस जारी कर आवंटन निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया है।

Tags:    

Similar News