SGPGI में शुरू हुआ E-OPD, अब तक हुआ 28 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज

डॉ. बिहारी ने बताया कि पीजीआई का जेनेटिक्स विभाग यूपी में अकेला ऐसा केंद्र है जो प्रीनेटल डायग्नोसिस की सुविधा देता है। इसको ध्यान में रखते हुए संस्थान के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग द्वारा ऐसे लगभग 60 रोगियों की प्रीनेटल डायग्नोसिस की गई जिन्हें ई-ओपीडी के द्वारा बातचीत करके बुलाया गया था।

Update:2020-08-27 18:35 IST
SGPGI में शुरू हुआ E-OPD, अब तक हुआ 28 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज

लखनऊ: कोरोना महामारी का असर सभी क्षेत्रों में पड़ा है और स्वास्थ्य सेवाएं तो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस समय में भी राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 22 विभागों की ई-ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। बीती 11 मई से चालू इस ओपीडी में 18 अगस्त तक इस ई-ओपीडी में 28 हजार 867 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।

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कोविड-19 संक्रमण के कारण संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती

SGPGI के डॉ. संजय बिहारी ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण संस्थान के सामने एक बड़ी चुनौती अपने पुराने मरीजों तथा अन्य संस्थानों या शहरों से इलाज के लिए पीजीआई रेफर किए गए मरीजों को समयानुसार ओपीडी के जरिए उपयुक्त चिकित्सा परामर्श देना था। कोरोना के कारण ओपीडी बंद थी तो बीती 11 मई को संस्थान के टेली मेडिसिन और बायोमेडिकल इनफार्मेटिक्स विभाग की पहली मंजिल पर 22 विभागों की ओपीडी शुरू की गई, जिसमें सुबह 9:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रोगियों की समस्याओं को फोन द्वारा सुनकर चिकित्सकों द्वारा उनका निराकरण किया जा रहा है और उन्हें उचित परामर्श दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मई माह में कुल 6020 ,जून में 10353, जुलाई माह में 8922 और अगस्त में 3572 रोगियों को इलेक्ट्रानिक ओपीडी के जरिए चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया।

PGI का जेनेटिक्स विभाग यूपी में अकेला ऐसा केंद्र है जो प्रीनेटल डायग्नोसिस की सुविधा देता है

डॉ. बिहारी ने बताया कि पीजीआई का जेनेटिक्स विभाग यूपी में अकेला ऐसा केंद्र है जो प्रीनेटल डायग्नोसिस की सुविधा देता है। इसको ध्यान में रखते हुए संस्थान के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग द्वारा ऐसे लगभग 60 रोगियों की प्रीनेटल डायग्नोसिस की गई जिन्हें ई-ओपीडी के द्वारा बातचीत करके बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि पीजीआई की इस सुविधा से यूपी के विभिन्न शहरों और पड़ोसी राज्य के मरीजों ने भी इस सुविधा का लाभ उठाया।

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उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बीती पहली मई से अर्थात इलेक्ट्रॉनिक कोविड केयर सिस्टम को भी शुरू किया गया, जिसके द्वारा लखनऊ और लखनऊ से बाहर अन्य शहरों में भर्ती मरीजों के उपचार के संबंध में चिकित्सकों द्वारा रोगियों को परामर्श प्रदान किया गया। कोरोना संक्रमण के काल में गंभीर मरीजों को उसी स्थान पर बेहतर चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जा सके, इस दृष्टिकोण से संस्थान के चिकित्सकों ने भर्ती मरीजों को ईसीसीएस के तहत उचित परामर्श प्रदान किया। पहली मई से 03 अगस्त तक करीब 2711 मरीजों और भर्ती मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों को समुचित परामर्श दिया गया।

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