KGMU Report: लड़कियों पर चौंकाने वाला खुलासा

Lucknow News: केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में किशोरियों और युवतियों की समस्याओं को लेकर चलने वाली विशिष्ट क्लीनिक में इलाज के साथ-साथ काउंसिलिंग भी किया जाता है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2023-03-01 11:33 GMT

Lucknow KGMU special report on health (Social Media)

Lucknow News: KGMU में बच्चियों, किशोरियों और युवतियों के लिए बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के एक रिपोर्ट के अनुसार किशोरियां कम वजन की और युवतियां मोटापे की शिकार हो रही हैं। वहीं 10 से 14 वर्ष की बेटियों की औसत लंबाई में कमी देखने को मिली है। यह रिपोर्ट जून 2018 से मार्च 2022 के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आई 6038 लड़कियों के आधार पर तैयार यह रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हैल्थ में प्रकाशित की गई है।

केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में किशोरियों और युवतियों की समस्याओं को लेकर चलने वाली विशिष्ट क्लीनिक में इलाज के साथ-साथ काउंसिलिंग भी किया जाता है। समस्या जटिल होने की स्थिति में रोगी को अन्य विभागों में भी भेजा जाता है।

साल 2018 से 2022 के बीच आईं कुल 6038 लड़कियों में से 38.37 प्रतिश को काउंसिलिंग और 37.53 प्रतिशत को इलाज के लिए अन्य विभागों को भेजा गया। इनमें से 46.29 प्रतिशत को माहवारी, 28.19 प्रतिशत को यौन व प्रजनन संबंधी, 5.19 प्रतिशत को न्यूट्रीशन और 1.67 प्रतिशत लड़कियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं थीं। क्लीनिक पर आईं बेटियों की सामन्य टेस्ट- लंबाई, वजन, बॉडी मॉस इंडेक्स व बीपी किया गया था।

तीन आयु वर्ग में बांटा गया रिपोर्ट

रिपोर्ट को तीन आयु 10 से 14, 15 से 19 और 20 से 2 4 वर्ष के समूहों में बांटा गया। पांच के दौरान बेटियों की औंसत लंबाई में कमी देखी गई, जबकी औसत वजन अधिक मिला, जबकि 15 से 19 साल की बेटियों की औसत वजन कम मिला। 20 से 24 साल की युवतियों मोटापे की समस्या मिली।

10 से 14 वर्ष की ल़ड़कियों का औसत वजन सही था लेकन इनकी औसत लंबई कम थी। रिपोर्ट की माने तो कोविड के समय क्लीनिक पर लड़कियों की संख्या कम हो गई थी। इस दौरान लड़कियों को सेनेटरी पैड से लेकर कई अन्य समस्याओं से जूझना पड़ा।

खानपान और जीवन शैली का बड़ा असर

केजीएमयू की डॉ. सुजाता देव के अनुसार गलत खानपान और जीवन शैली इन समस्याओं की प्रमुख कारण है। जीवन शैली में सुधार कर, व्यायाम व पौष्टिक भोजन की आदत से इसपर काबू पाया जा सकता है। उन्होने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम चलाकर बच्चियों, किशोरियों व युवतियों की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। रिपोर्ट में भी इस तरह के कार्यक्रमों की वकालत की गई है।

औसत लंबाई

रिपोर्ट में जरी औसत लंबाई तीनों आयु वर्ग में इस प्रकार है-

आयुवर्ग      2018        2019        2020            2021        2022

10-14      148.19     143.06     144.85         143.66     143.68

15-19      151.44     150.93     152.03         151.75      151.95

20-24      152.24      151.89     153.21        152.87      153.02

औसत वजन 

रिपोर्ट में जरी औसत आयु इस प्रकार है-

आयुवर्ग        2018-         2019              2020           2021              2022

10-14         37.54         34.41              35.40          36.03            39.59

15-19        45.50         44.60               45.81          48.05            47.61

20-24         48.47         49.32              49.32          50.76             50.83

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