Lucknow: अब हाउस टैक्स के लिए नहीं लगाना होगा नगर निगम का चक्कर, इस नई सुविधा की हुई शुरूआत

Lucknow: शुक्रवार को नगर निगम के महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के साथ टैक्स असेसमेंट डिजिटल सॉफ्टवेयर का उद्घाटन किया।

Update: 2022-07-15 15:31 GMT

नगर निगम ने किया टैक्स असेसमेंट डिजिटल सॉफ्टवेयर का उद्घाटन। (Social Media)

Lucknow: नगर निगम डिजिटल इंडिया (Municipal Corporation Digital India) की ओर कदम बढ़ाते हुए राजधानीवासियों को बड़ी सौगात दी है। अब गृहकर के लिए निगम का बार-बार चक्कर नहीं काटना होगा। शुक्रवार को महापौर संयुक्ता भाटिया (Mayor Sanyukta Bhatia) ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह (Municipal Commissioner Inderjit Singh) के साथ टैक्स असेसमेंट डिजिटल सॉफ्टवेयर (tax assessment digital software) का उद्घाटन किया। अब बिना भाग-दौड़ किए 10 मिनट के अंदर गृहकर जमा हो जाएगा।

उपभोक्ताओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए की नई व्यवस्था को शुरूः मेयर

नए सॉफ्टवेयर का उद्घाटन करने के बाद मेयर संयुक्ता भाटिया (Mayor Sanyukta Bhatia) ने कहा कि नगर निगम ने अपने उपभोक्ताओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए इस नई व्यवस्था को शुरू किया है। जिससे शहरवासी नए भवन और गृहकर की परिधि से छूटे हुए भवनों के कर निर्धारण के लिए बिना कार्यालय आए ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। घर से ही इसका असेसमेंट कर सकेंगे और वहीं से भुगतान कर रशीद भी प्राप्त कर लेंगे।

इस एप में अससेमेंट और पेमेंट गेटवे जुड़ा हुआ है: नगर आयुक्त

नगर निगम में इस पहल को शुरू कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह (Municipal Commissioner Inderjit Singh) ने इस संबंध में बताया कि यह सेल्फ असेसमेंट हाउस टैक्स के लिए टूल दिया गया है। नगर निगम की वेबसाइट https://Imc.up.nic.in पर लिंक भी उपलब्ध है। इस एप में अससेमेंट और पेमेंट गेटवे जुड़ा हुआ है। जो भी नागरिक हैं उसमें अपनी पूरी जानकारी भरकर सेल्फ असेसमेंट कर अपने टैक्स को चेक कर उसे जमा कर सकते हैं। इस व्यवस्था के शुरू होने से लोगों को बार-बार नगर निगम आने की जरुरत नहीं होगी और जोनल ऑफिस में जो भीड़ लगती है उसमें भी कमी आएगी। नगर आयुक्त ने बताया कि अगर किसी को लगता है कि इसमें कुछ गलत आ रहा है, बढ़ा हुआ टैक्स दिख रहा है तभी उन्हें ऑफिस आना होगा अन्यथा वह घर बैठे आसानी से जमा कर सकते हैं।

इस नई योजना से भवन कर के दायरे से अभी दूर भवन स्वामियों के साथ ही नगर निगम में शामिल 88 गांवों के निवासियों को मिलेगा, जहां पर अभी भवन कर निर्धारण करने पर रोक है। हाईकोर्ट ने विकास कराने के बाद ही हाउस टैक्स का बिल देने का आदेश दे रखा है। इसके बाद शासन ने भी इस संबंध में आदेश जारी किया था।

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