Lucknow: ऐशबाग में जमीन का बड़ा फर्जीवाड़ा, सालों से चल रहा अवैध धंधा, 12 उद्योगपतियों पर केस दर्ज

Lucknow News: जिन 12 उद्योगपतियों ने 11 साल से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है वह बिना लीज के इस पर धंधा करते आ रहे हैं एसडीए को इसकी भनक तक नहीं लगी।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2022-08-24 06:44 GMT

ऐशबाग में जमीन का बड़ा फर्जीवाड़ा (photo: social media )

Lucknow News: राजधानी के ऐशबाग में एलडीए की जमीन के एक के बाद एक कई नए खेल उजागर हो रहे हैं। ऐशबाग के औद्योगिक क्षेत्र में 11 साल से बिना पट्टे के यहां अवैध धंधे चलाकर उद्योगपति मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। जबकि विकास प्राधिकरण को करोड़ों का चूना लगा है। मामला उजागर होने के बाद एलडीए की जमीन पर कब्जा करने वाले 12 उद्योगपतियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही उनसे जवाब तलब भी किया गया है। जिन 12 उद्योगपतियों पर 11 साल से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है वह बिना लीज के इस पर धंधा करते आ रहे हैं एसडीए को इसकी भनक तक नहीं लगी।

दरअसल ऐशबाग के चित्ताखेड़ा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अवैध रूप से बसी कॉलोनियों को तोड़ने और फिर उसके रोके जाने की कार्रवाई के बाद यहां की पूरी जमीनों की जांच शुरू हुई तो सोमवार को इस मामले खुलासा हुआ। इसके बाद ओएसडी अरुण सिंह ने बाजारखाला थाने में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एलडीए के सचिव पवन गंगवार ने कहा है कब्जेदारों से जमीन खाली कराने की कार्रवाई एलडीए शुरू करेगा। इसके लिए इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. जमीन खाली कराने के लिए मौके पर चल रहे व्यवसायिक उद्योगों को भी बंद करा निर्माणों को तोड़कर हटाया जाएगा।

साढ़े पांच बीघे जमीन पर अवैध कब्जा

गौरतलब है कि सरकार की ओर से उद्योग लगाने के लिए ऐशबाग को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित किया गया है। यहां सरदार गुरबख्श सिंह थापर को वर्ष 1921 में 90 साल की लीज पर साढे 5 बीघा जमीन उद्योग धंधों के लिए दी गई थी। प्लीज में शर्त यह थी कि 30 साल बाद इसका नवीनीकरण कर 30- 30 साल के लिए दो बार इसे आगे बढ़ाया जाएगा। पहली बार पट्टे का नवीनीकरण 1951 दूसरी दूसरी बार 1981 में कराया गया। इस जमीन की वर्तमान में कीमत एलडीए के मुताबिक करीब 40 करोड़ रुपए है। जो इन 12 व्यापारियों द्वारा 2011 में लीज खत्म होने के बाद भी उपयोग में ली गई है।

एलडीए की लापरवाही भी आई सामने

2011 में इन उद्योगपतियों की लीज खत्म होने के बाद भी एलडीए के तत्कालीन अधिकारियों ने इस ज़मीन पर ध्यान नहीं दिया की इनका पट्टा समाप्त हो गया है। लीज का समय समाप्त होने के बाद एलडीए के अफसरों की जिम्मेदारी बनती थी कि वह इस जमीन को अपने कब्जे में ले लें। लेकिन ऐसा नहीं किया गया उसके उलट पिछले 11 सालों से जमीनों को कब्जे में रहने दिया गया। अब 500 करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जेदार कौशल किशोर के खिलाफ जब सख्ती शुरू हुई तब इस जमीन पर भी एलडीए के जिम्मेदारों का ध्यान गया और उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू हो गई।

इन 12 उद्योगपतियों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

एलडीए की ओर से जिन 12 उद्योगपतियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है उनमें मोहन पेंट के नाम से फैक्ट्री चलाने वाले कौशल किशोर अग्रवाल, पंजाब लॉन मैरिज हॉल के संचालक मुकेश शुक्ला, कचरी का गोदामों कारखाना चलाने वाले गुरमीत सिंह, टेंट हाउस का गोदाम चला रहे महेश उपाध्याय, सुपर स्पोर्ट फाइन के नाम से आरो वाटर प्लांट लगाने वाले अनिल कुमार सिंह के खिलाफ केस कराया गया है. इसके अलावा फैन बॉक्स कारखाना के अनिल शर्मा, माइल्ड स्टील बॉक्स व किराना की दुकान के मालिक गुलाबचंद, लक्ष्मी इंटरप्राइजेज व जन सेवा केंद्र के अमित श्रीवास्तव, आटा चक्की मालिक कमल कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार पंखुड़ी ट्रेडर्स के नाम पर आवंटित जमीन पर कपड़ा शोरूम चलाने वाले नारायणदास मोतियानी और सुखीराम की दुकान के नाम से शोरूम चलाने वाले खुशी मोतियानी पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है।

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