Lucknow: अखिलेश के नेतृत्व से होने लगा मोहभंग, सपा के मुस्लिम नेता कर रहे अपनी पोजिशनिंग

Lucknow: उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावी शिकस्त खाती आ रही समाजवादी पार्टी का शिराजा बिखरने लगा है। पश्चिम यूपी से लेकर पूर्वांचल तक में अखिलेश यादव की राजनीतिक सूझबूझ पर सवाल खड़ा करते हुए कई मुस्लिम नेता अपनी पोजिशनिंग करने लगे हैं।

Report :  Rajendra Kumar
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-04-17 12:29 GMT

अखिलेश व सपा के मुस्लिम नेता। (Social Media)

Lucknow: उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावी शिकस्त खाती आ रही समाजवादी पार्टी (SP) का शिराजा बिखरने लगा है। पार्टी के तमाम नेता सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) की वर्किंग पर सवाल खड़ा कर इस्तीफा देने लगे हैं। तो कुछ नेता अन्य दलों में जाने की कवायद में जुटे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम यूपी से लेकर पूर्वांचल तक में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की राजनीतिक सूझबूझ पर सवाल खड़ा करते हुए कई मुस्लिम नेता अपनी पोजिशनिंग करने लगे हैं।

इसी क्रम में पार्टी के सीनियर मुस्लिम नेताओं ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर ही मुस्लिमों की आवाज ना उठाने का आरोप तक लगाने की हिम्मत कर डाली है। इस तरफ का आरोप इसके पहले पार्टी में किसी ने नहीं लगाया था। पार्टी में मुस्लिम नेताओं की इस नाराजगी का संज्ञान लेते हुए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मुलायम सिंह (Mulayam Singh) को आगे ला कर नाराज नेताओं को मनाने का दांव चला है, लेकिन अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से खफा नेताओं का रुख अभी बदला नहीं है।

गत 15 अप्रैल को मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव ने की थी बैठक

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पार्किंग से खफा नेताओं की नाराजगी में कमी ना आने की मुख्य वजह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की तरफ से असंतुष्ट नेताओं को किसी तरफ का कोई संदेश ना दिया जाना ही माना जा रहा है। पार्टी के असंतोष को लेकर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के साथ गत 15 अप्रैल को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लंबी बैठक की थी। इस बैठक में शिवपाल सिंह यादव, शफीकुर्रहमान तथा आजम खां खेमे की नाराजगी को लेकर भी करीब एक घंटे तक मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव ने विचार विमर्श हुआ । परन्तु इस बैठक के बाद शिवपाल सिंह यादव, शफीकुर्रहमान तथा आजम खां के खेमे को मुलायम सिंह यादव की तरफ से कोई संदेश नहीं दिया गया। ऐसे में नाराज मुस्लिम नेताओं ने समर्थक पार्टी नेता इरशाद खान ने 16 अप्रैल को इस्तीफ़ा देकर  मुस्लिम नेताओं के असंतोष को उजागर कर दिया।

सपा मुस्लिमों की आवाज नहीं उठा रही: MP बर्क

इसके पहले संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Sambhal SP MP Shafiqur Rahman Burke) ने भी यह कहा था कि सपा मुस्लिमों की आवाज नहीं उठा रही है। जबकि सपा के सीनियर नेता आजम खान (SP Leader Azam Khan) के मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने एक कार्यक्रम में यह कहा है कि पिछले ढाई साल में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आजम खान (Azam Khan) को जेल से छुड़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया। इन नेताओं के बयान आने के बाद जब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ के कोई बयान नहीं आया, तो गत 13 अप्रैल आजम के समर्थक कहे जाने वाले सलमान जावेद राईन ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा आजम खान, सपा विधायक नाहिद हसन और शहजिल इस्लाम के लिए आवाज ना उठाने के सवाल पर सपा इस्तीफा दे दिया और उसके बाद ऐसा ही फैसला सपा सरकार (SP Government) में दर्जा प्राप्त पूर्व राज्य मंत्री इरशाद खान ने किया। सपा के इन मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे से अब यह साफ़ हो गया है कि पार्टी के मुस्लिम नेता अपनी पोजिशनिंग कर रहे हैं।

आजम खान का पूरा परिवार अलग-अलग मामले में हुआ फंसा

इसके तहत पार्टी के मुस्लिम नेताओं खास कर आजम खान, उनका परिवार और उनके करीबी नेता अपने को बचाने की जद्दोजहद में लग गए हैं। आजम खान का पूरा परिवार अलग अलग मामले में फंसा हुआ है। कुछ लोग जेल काट आए हैं और खुद आजम अब भी जेल में बंद हैं। एक-एक करके अदालत से जमानत हो रही है लेकिन उनको लग रहा है कि सपा से दूरी बनाए बगैर पूरी तरह से मुक्ति संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने खुल कर सपा से दूरी का संदेश दिया है। जिसके तहत ही उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान ने सपा नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा। कहा कि मुसलमानों के दम पर सपा को 111 सीटें मिलीं लेकिन पार्टी मुसलमानों के लिए कुछ नहीं कर रही। सपा नेतृत्व ने उनको यानी आजम खान और दूसरे मुसलमानों को भाजपा का दुश्मन बना दिया और खुद मजे ले रहे हैं। निश्चित रूप से यह बयान आजम खान की सहमति से दिया गया है।

शफीकुर्रहमान बर्क ने बनाया अखिलेश को निशाना

सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (SP MP Shafiqur Rahman Burke) ने भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) को निशाना बनाया है और नाराजगी जताते हुए कहा है कि पार्टी मुसलमानों के लिए कुछ नहीं कर रही है लेकिन उनकी बात अलग है। वे सपा में आते और बाहर जाते रहे हैं। रही बात  शिवपाल यादव की तो वह इस बात से नाराज हुए हैं क्योंकि उनको अखिलेश ने नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया और पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं दिया। ऐसे में सपा के यह नाराज नेता पार्टी से अलग होकर अखिलेश यादव की वर्किंग से नाराज लोगों का एक नया ठिकाना बनाने की कवायद में जुटे हैं। यह नेता अगर अपने मकसद में सफल हुए तो सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) से खफा नेताओं को एक साथ लाकर शिवपाल (Shivpal Yadav), आजम और शफीकुर्रहमान बर्क (SP MP Shafiqur Rahman Burke) सपा के यादव मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल हो जाएंगे।

यूपी के तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का मत

यूपी के तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का यह मत है। सपा संरक्षण मुलायम सिंह यादव (SP Patron Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को भी ऐसा ही लगता है। यही वजह है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अब मुलायम सिंह यादव (SP Patron Mulayam Singh Yadav) के जरिए पार्टी में छिड़े असंतोष को खत्म करने की पहल ही है। हालांकि बीते विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण से लेकर राजनीतिक दलों से समझौता करने के मामले में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह की राय नहीं ली थी। ऐसे में अब देखना यह है कि मुलायम सिंह यादव के सहारे अखिलेश यादव पार्टी के नाराज नेताओं को कैसे और कितना मना पाएंगे?

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