Lucknow News: दो बच्चों की मौत के बाद जागा प्रशासन, अब सिविल अस्पताल में नहीं होगा इलाज, न्यायिक जांच के आदेश

Lucknow News: राजकीय बाल गृह (शिशु) के चार बच्चों की लगातार मौत के बाद जिला प्रशासन ने ऐसा फैसला लिया है जो सिविल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।

Report :  Sunil Mishraa
Update: 2023-02-15 09:33 GMT

 लखनऊ का सिविल अस्पताल (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: राजकीय बाल गृह (शिशु) के चार बच्चों की लगातार मौत के बाद जिला प्रशासन ने ऐसा फैसला लिया है जो सिविल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। प्रशासन की तरफ से फैसला लिया गया है की अब शिशु गृह के बच्चों का इलाज सिविल अस्पताल में कराकर उन्हें लोकबंधु अस्पताल भेजा जाएगा। इसके साथ ही चार बच्चों की मौत की न्यायिक जांच का आदेश डीएम सूर्यपाल गंगवार ने दिया है। 

हजरतगंज के प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय शिशु गृह के चार नौजातों की दस दिन के भीतर मौत हो गई। डॉक्टरों ने दावा किया की बच्चे गंभीर रोग से ग्रसित थे। कुछ बच्चों को ठंड से नही बचाया गया जिसकी वजह से उन्हें निमोनिया हो गया था। इन सभी बच्चों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन, एक भी बच्चे को बचाया नहीं जा सका। यहां के इलाज के व्यवस्था को देखते हुए डेढ़ माह के बच्चे मून केजीएमयू रेफर कराया गया है।

शिशु गृह के बच्चों को तत्काल भर्ती करेगा केजीएमयू

लगातार हुई बच्चों की मौत को देखते हुए फैसला लिया गया है की अब शिशु गृह के बच्चों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल नहीं भेजा जाएगा। दरअसल शिशु गृह के बच्चों की नियमित जांच के लिए भी सिविल अस्पताल के ही डॉक्टर बुलाए जाते थे। इसके अलावा एक डॉक्टर की यहां स्थाई तैनाती है। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है की अब बच्चों को इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल ले जाया जाएगा। यही नहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केजीएमयू को पत्र लिखा है की शिशु गृह के बच्चों को बिना किसी पूछताछ के तत्काल भर्ती किया जाए।

बच्चों की देखरेख के लिए 57 स्टाफ फिर भी लापरवाही

30, आया

5, सोशल वर्कर

6, नर्स

3, डॉक्टर

2, सुपरवाइजर

4, टीचर

1, स्पेशल एजुकेटर

1, बाल सेविका

2, रसोइया

2, चपरासी

1, सफाई कर्मी

बच्चे स्पेशल यूनिट 0 से 2 साल के 28 बच्चे

22 बच्चे 2 से 6 साल तक

25 बच्चे 6 से 10 तक

75 कुल बच्चे हैं।

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