Lucknow: ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर जरूरतमंद, राजधानी में सरकारी दावे फेल, पढ़िए रैन बसेरों पर Newstrack की रिपोर्ट

Rain Basera Condition in Lucknow: राजधानी में रैन बसेरे तो हैं लेकिन लोग वहां रह नहीं रहे हैं, लखनऊ के ज्यादातर रैन बसेरे खाली पड़े हुए हैं। रैन बसेरों को छोड़कर लोग खुले आसमान तले सोने के लिए मजबूर है।

Written By :  Jugul Kishor
Update: 2022-12-21 08:06 GMT

लखनऊ में रैन बसेरों को छोड़कर सड़कों पर सो रहे लोग

Lucknow Rain Basera Live Report: पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरु हो गई है। भयंकर कोहरे और सर्दी का कहर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में सड़क किनारे रहने वाले जरूरतमंद लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं, बढ़ती ठंड को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि सर्दी से बचाने के लिए उत्तम व्यवस्था के साथ रैन बसेरे संचालित हैं। फिर भी लोग सड़कों के किनारे सोने को मजबूर है। लखनऊ के रैन बसेरों की हकीकत जानने के लिए न्यूज ट्रैक (Newstrack.com) की टीम ने जब रात में निरीक्षण किया तो यूपी सरकार के सारे दावे फेल होते दिखे। टीम को राजधानी के लगभग सभी रैन बसेरे खाली मिले। कहीं 10-15 लोग तो कहीं मात्र 2-4 लोग ही मिले। जबकि जरूरतमंद लोग सड़क किनारे सो रहे हैं।  


नगर निगम टीम कर रही खानापूर्ति
राजधानी में रैन बसेरे तो हैं लेकिन उनमे लोग नहीं है। लखनऊ के ज्यादातर रैन बसेरे खाली पड़े हुए हैं। दरअसल, इसके पीछे वजह है कि सड़कों पर सो रहे लोगों को रैन बसेरे में पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम की टीम की होती है। नगर निगम द्वारा इसके लिए खास एक टीम बनाई गई है। ये टीम शहर भर में घूम-घूमकर लोगों को रैन बसेरे में पहुंचाने का काम करती है। जब हमने लोगों से बातचीत की तो पता चला कि टीम आस-पास के इलाकों में ही एक चक्कर लगाकर सिर्फ खानापूर्ति करती है। सरोजनी नगर, कुर्सी रोड जैसे दूर के इलाकों में नहीं जाती है।  


रैन बसेरों में हो रही चोरी 

खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों से जब न्यूजट्रैक की टीम ने पूछा कि आप लोग रात में खुले आसमान के नीचे क्यों सो रहे हैं तो ज्यादातर लोगों का कहना था कि रैन बसेरों में चोरी हो जाती है। लोगों ने कहा कि दिन भर कड़ी मेहनत से जो भी कमाते हैं, रात में चोरी हो जाता है। कुछ लोग मजबूरी में परिवार से दूर दो जून की रोटी कमाने के लिए के लिए शहर में रह रहे हैं। लेकिन उनके पास में इतना पैसा नहीं होता है कि वह किराए का मकान ले सकें। ऐसे में रैन बसेरा उनका एकमात्र सहारा होता है। लेकिन राजधानी के रैन बसेरा लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। लोग रैन बसेरे में सोने के लिए जाते हैं तो उनका वहां सामान और रुपये पैसे चोरी हो जाते हैं। रात में कभी कोई कंबल चुरा ले जाता है, तो कभी सारा सामान। इसीलिए चोरी से बचने के खुले आसमान के नीचे सोते हैं।


गंदगी भी बड़ा कारण
रैन बसेरों से लोगों के मुंह फेरने का एक बड़ा कारण हैं गंदगी। लोगों का कहना है कि रैन बसेरे में हर तरह के लोग आते हैं। दिनभर कूडे़ बिनने वाले लोग भी आते हैं। उसी बिस्तर में सोते हैं। लेकिन बिस्तरों की साफ सफाई नहीं होती है। ऐसे में बदबू वाले बिस्तरों में सोना भी बड़ा मुश्किल होता है। नगर निगम द्वारा इस पर कोई ध्यान भी नहीं दिया जाता है।   


उत्तर प्रदेश में सर्दी और कोहरे ने अपना रंग दिखा दिया है। दिन और रात के तापमान में काफी कमी आई है। यही वजह है कि लोग अब सर्दी से बचने के लिए जतन करने लगे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ के लोग सरकारी अव्यवस्थाओं के चलते अभी भी खुले आसमान के नीचे जीवन बसर करने के लिए मजबूर हैं। 

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