69000 शिक्षक भर्ती मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब हाईकोर्ट...
जबकि इसी भर्ती परीक्षा में सुप्रीम कोर्ट ने गलत प्रश्नों के विवाद के संबंध में ऋषभ मिश्रा की याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है।
लखनऊ: यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला पूरी तरह से कोर्ट-कचहरी में उलझ कर रह गया है। आज इस भर्ती के संबंध में पर्चा लीक को लेकर हाईकोर्ट में तो गलत प्रश्नों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस भर्ती के पेपर लीक मामलें में अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चैधरी की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिका की सुनवाई मंगलवार को भी महाधिवक्ता के उपस्थित नहीं हो पाने के कारण नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई अगले हफ्ते होगी। जबकि इसी भर्ती परीक्षा में सुप्रीम कोर्ट ने गलत प्रश्नों के विवाद के संबंध में ऋषभ मिश्रा की याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है।
एक बार फिर टली सुनवाई
हाईकोर्ट में अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चैधरी की याचिका के संबंध में उनकी वकील डा. नूतन ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता को बहस करना था लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस पर उन्होंने कोर्ट के समक्ष कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई में भी सरकार ने इसी आधार पर समय मांगा था, जो अनुचित है। सरकारी अधिवक्ता तथा नूतन ठाकुर की दलील सुनकर कोर्ट ने अगले सप्ताह सुनवाई नियत की है।
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याचीगण की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि 06 जनवरी 2019 को इस परीक्षा के बाद पेपर लीक के संबंध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है। आज भी एसटीएफ इस केस में विवेचना कर रहा है। अतः याचिका में परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराये जाने की प्रार्थना की गयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
इधर, यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती मामले में गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर ऋषभ मिश्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट जाने के लिए कहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले अमिता त्रिपाठी की तरफ से डाली गई एसएलपी को खारिज कर चुका है।
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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच का आदेश बरकार रखते हुए किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से मना करते हुए याची अमिता त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में दााखिल याचिका को खारिज कर दिया था।