Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय 65वां दीक्षांत समारोह, बांटे गए 188 गोल्डमेडल
Lucknow University: दीक्षांत समारोह में पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन मुख्य अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने किया।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में शनिवार 21 जनवरी, 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय का 65वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह में पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन मुख्य अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने किया। जबकि उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि थीं। साथ ही, डॉ. संजय सिंह, सीईओ, जेनोवा बायो-फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड भी उपस्थित थे, जिन्हें विश्वविद्यालय ने इस दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से सम्मानित किया।
राष्ट्रगान से हुई समारोह की शुरूआत
दीक्षांत समारोह प्रारंभ होने से पूर्व अकादमिक शोभायात्रा प्रारंभ हुई। जिसमें कुलाधिपति, कुलसचिव राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय एवं सभी विद्या परिषद सदस्य, कार्यकारी परिषद के सदस्य, सभी संकाय के संकाय सदस्य उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। तत्पश्चात लखनऊ विश्वविद्यालय का कुलगीत विश्वविद्यालय के छात्रों एवं कुछ संकाय सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों को "जल भरो" समारोह के लिए आमंत्रित किया गया, जो जल संरक्षण से संबंधित जागरूकता से संबंधित था।
राज्यपाल ने समारोह के प्रारंभ होने की घोषणा की
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के अनुरोध पर आनंदीबेन पटेल ने 65वें दीक्षांत समारोह के प्रारंभ होने की घोषणा की। तत्पश्चात कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने सर्वप्रथम मंच पर उपस्थित सभी मंचासीन व्यक्तियों का स्वागत किया। वर्ष 2022 में लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को विस्तार से बताने से पहले उन्होंने शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी के दृष्टिकोण से अवगत कराया। ऋग्वेद के 10वें मंडल के एक भजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई है और विश्वविद्यालय प्रणाली में शामिल होने वाले छात्र विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करने के लिए नई अंतर्दृष्टि और प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
वीसी डॉ. आलोक राय ने गिनाई विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
प्रो. राय ने बताया कि इस सत्र में विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय में तीन नए संस्थान खोले हैं। क्यूएस-वर्ल्ड रैंकिंग, टाइम्स हायर एजुकेशन और एनआईआरएफ में भी अच्छी रैंकिंग हासिल की है। साथ ही, 2022 में विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा A++ ग्रेडिंग से मान्यता दी गई थी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय यूपीसीआरएएम केंद्र के कार्यालय की मेजबानी कर रहा है। जो अन्य विश्वविद्यालयों को एनएएसी मान्यता और अन्य रैंकिंग में बेहतर करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम को एनईपी-2020 के विषय के अनुरूप तैयार किया है, जो कि अधिकता, समानता और गुणवत्ता पर आधारित है। साथ ही उन्होंने बताया कि 65वें दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय में लगभग पचास प्रतिशत छात्राएं हैं। करीब 80 प्रतिशत महिला छात्रों को पदक से सम्मानित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव का वर्ष है। हमारा देश जी20 देश का अध्यक्ष है और लखनऊ विश्वविद्यालय हमारे छात्रों को पेशेवर नैतिकता, जीवन कौशल और सॉफ्ट स्किल के साथ जिम्मेदार छात्र बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। समापन से पहले, उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के सभी "पांच संकल्पों" का उल्लेख किया और विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य "प्रकाश और शिक्षा" के बारे में उल्लेख किया। दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई दी।इसके बाद राज्यपाल ने कला, विज्ञान, वाणिज्य, कानून, शिक्षा, ललित कला, आयुर्वेद और यूनानी संकायों के छात्रों को डिग्री प्रदान की।
इसके बाद डॉ. संजय सिंह (पूर्व छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय) को विज्ञान संकाय के डीन द्वारा मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके बाद डॉ. संजय सिंह ने मानद उपाधि को स्वीकार करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ अपने जुड़ाव का उल्लेख किया। क्योंकि उनके पिता विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर थे। और उन्होंने दो दशक से अधिक समय तक लखनऊ विश्वविद्यालय के अंदर स्थित बंगले में बिताया था। लखनऊ विश्वविद्यालय में जहां उन्होंने अपने वैज्ञानिक स्वभाव का पोषण किया, जिससे जीव विज्ञान के क्षेत्र में रुचि पैदा हुई। उन्होंने कहा कि सीडीआरआई, लखनऊ से पीएचडी पूरी करने के बाद वे एनआईएच, यूएसए में शामिल हो गए। लेकिन समाज पर वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रभाव के बारे में एक नई सोच के कारण उन्होंने 37 साल की उम्र में एनआईएच, यूएसए छोड़ दिया और जेनोवा बायो-फार्मास्युटिकल्स शुरू किया। जो कि COVID के लिए RNA आधारित वैक्सीन विकसित करने वाली पहली गैर-यूएसए कंपनी है। अंत में उन्होंने 2023-24 तक भारत और उत्तर प्रदेश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भारत के प्रधान मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस दृष्टि को सफल बनाने में विज्ञान और वैज्ञानिक स्वभाव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उसके बाद कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की वर्ष 2021-2022 की उपलब्धियों एवं वार्षिक गतिविधियों का अनावरण किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा लिखित अनेक पुस्तकों का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने डिजीलॉकर की शुरूआत की
कुलपति ने कुलाधिपति से सिंगल क्लिक के माध्यम से डिजीलॉकर पर डिग्रियों को अपलोड करने का अनुरोध किया गया। जिसके बाद कुलाधिपति ने नए परिसर में गंगा छात्रावास और कर्मचारी क्वार्टरों का उद्घाटन किया। इसके बाद कुलाधिपति ने देवरी गाजा एवं शंकरपुर प्रखंड लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को पुस्तकें एवं उपहार भेंट की। उन्होंने "आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं" को किट और छोटे उपहार भी भेंट किए। उन्हें अपने क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
डिग्रीधारकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है-रजनी तिवारी
अपने संबोधन में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी डिग्री धारकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है क्योंकि उन्हें भारत के विकास और उज्ज्वल भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बयान को उद्धृत किया कि अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो आपको सूरज की तरह जलना होगा। उन्होंने कहा कि जॉब सीकर बनने के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनें। डिग्री धारकों को कुछ नया करने और स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया।
छात्र हमेशा छात्र ही रहते हैं- योगेन्द्र उपाध्याय
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने संबोधन में उपाधि से सम्मानित सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने डिग्रीधारियों से कहा कि आप सभी का सौभाग्य है कि आप लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा A++ मान्यता प्राप्त होने पर बधाई दी। कहा कि यह कुलाधिपति के मार्गदर्शन के कारण संभव हुआ है। उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र हमेशा छात्र ही रहते हैं और छात्र से संबंधित एक संस्कृत श्लोक उद्धृत किया। उन्होंने छात्रों के समग्र विकास में एनईपी-2020 की भूमिका पर जोर दिया। जो उनके तकनीकी, मानसिक और आध्यात्मिक कौशल और राष्ट्र के प्रति छात्रों की जिम्मेदारियों को विकसित कर सकता है।
भारत आने वाले समय में सबसे अधिक शक्तिशाली होगा- डॉ. के. कस्तूरीरंगन
मुख्य अतिथि डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सराहना की। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किए गए विकास कार्यों को विस्तार स बतायाय़। कहा कि जिसे वह अब उत्तर प्रदेश में भी लागू कर रही हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के प्रयास की भी सराहना की। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र दुनिया भर में मौजूद हैं। अपनी सेवाओं और प्रदर्शन से भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं। उन्होंने डॉ. संजय सिंह के प्रयासों की भी सराहना की और उन्हे आरएनए आधारित कोविड वैक्सीन के आविष्कार के लिए उन्हे डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
उन्होंने भारत के ज्ञान के मूल मार्गों को संरक्षित करके एनईपी-2020 को लागू करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रयासों की भी सराहना की। आने वाले दशक में भारत विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश होगा। इसके पास विशाल युवा शक्ति होगी। इसलिए देश को मजबूत करने के लिए युवाओं को उचित ज्ञान, कौशल, नौकरी के लिए तैयार करना बहुत आवश्यक है। समग्र विकास और समाज के उत्थान के लिए व्यापक उदार शिक्षा पर भी जोर दिया। विभिन्न क्षेत्रों में मानविकी, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान में अनुसंधान करने पर भी जोर दिया और आत्मनिर्भर भारत में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की भूमिका के बारे में उल्लेख किया।
उन्होंने इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में इसरो स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों पीएसएलवी और जीएसएलवी का उपयोग करके उपग्रह प्रक्षेपण में आत्मनिर्भर बन गया। जो अब विश्व स्तर के उपग्रह प्रक्षेपण वाहन हैं। यह भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सफलतापूर्वक अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को बधाई दी और अंतरिक्ष अनुसंधान में कस्तूरीरंगन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने डिग्री धारकों से कहा कि वे अपने ज्ञान को समाज में फैलाएं। कहा कि अस्सी प्रतिशत स्वर्ण पदक महिलाओं ने जीते हैं। सभी महिला स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए स्टैंडिंग ओवेशन देने का आग्रह किया। कहा कि यह "महिला सशक्तिकरण" का आदर्श उदाहरण है।
छात्राओं का बेहतर प्रदर्शन महिला सशक्तिकरण का उदाहरण-आनंदीबेन पटेल
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शोध करना चाहिए कि क्यों केवल छात्राएं ही बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि छात्र और छात्राओं दोनों को समान प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय और गोरखपुर विश्वविद्यालय को NAAC में A++ मान्यता प्राप्त करने पर बधाई दी। कहा कि विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने अनुसंधान, खेल और संस्कृति जैसे हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचा विकसित करने की बात कही। उन्होंने लुप्तप्राय प्रवृत्तियों को फिर से जीवंत करने पर जोर दिया। कहा कि विश्वविद्यालय को गांवों तक पहुंचना चाहिए।
समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। विश्वविद्यालय को सिर्फ अपने छात्रों को प्रशिक्षित नहीं करना चाहिए, बल्कि स्कूली बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर भी ध्यान देना चाहिए। उत्तर प्रदेश का प्रत्येक कॉलेज और विश्वविद्यालय यदि एक गांव को गोद लेंगे तो आने वाले 10 वर्षों में राज्य का प्रत्येक गांव चमकेगा और विकसित होगा। इससे प्रधानमंत्री के "सबका साथ सबका विकास" के विचार को बल मिलेगा। उन्होंने टीबी रोगियों के घर जाकर उन्हें इस बीमारी से उबरने के लिए प्रेरित करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि वर्ष 2023 जो कि "ईयर ऑफ मिलेट" है। मिलेट पर अध्ययन कर मिलेट के विभिन्न व्यंजन तैयार करें।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय महिला ग्राम प्रधानों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बाजरा के विभिन्न व्यंजन तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए आमंत्रित करेगा। संस्कृत के व्यापक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए। कहा कि विश्वविद्यालय को संस्कृत में 100 वाक्य तैयार करने चाहिए और संस्कृत के प्रसार के लिए गोद लिए गए गाँव के सभी स्कूलों में इसका आदान-प्रदान करना चाहिए। डिग्री कोई कागज का टुकड़ा नहीं है बल्कि यह जीवन और समाज के हर क्षेत्र में छात्रों के स्वभाव और व्यवहार में झलकती होगी। उन्होंने अंत में सभी को आशीर्वाद दिया और हर डिग्री धारक को बधाई दी और अपना संबोधन समाप्त किया।
अंत में कुलाधिपति एवं सभी मंचासीन व्यक्तियों को कुलपति द्वारा स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट किया गया। जिसके बाद कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह की समाप्ति की घोषणा की। तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन पंडाल से शोभा यात्रा प्रस्थान कर गई।