बिजली उपभोक्ताओं से ठगीः आयोग हुआ सख्त, मांग ली एक हफ्ते में रिपोर्ट
यूपी के 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर बिजली कंपनियों द्वारा बैंक दर के अनुसार ब्याज ना दिए जाने पर नियामक आयोग ने गंभीर रूख अपनाते हुए पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सहित सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशको से 7 दिन में इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
लखनऊ: यूपी के 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर बिजली कंपनियों द्वारा बैंक दर के अनुसार ब्याज ना दिए जाने पर नियामक आयोग ने गंभीर रूख अपनाते हुए पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सहित सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशको से 7 दिन में इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश के विद्युत उपभोक्तओ को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर करीब 200 करोड़ रुपये का ब्याज पावर कार्पोरेशन पर बकाया है।
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प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर बिजली कंपनियों द्वारा ब्याज न दिए जाने को लेकर उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बीते शुक्रवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर ब्याज दिए जाने की मांग की थी। प्रत्यावेदन में कहा गया था कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में पूरे राज्य के करीब तीन करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47य4(4) व विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा 4.20(प) के प्राविधानों के अनुसार पहली अप्रैल को लागू रिजर्व बैंक की दर पर ब्याज दिलाया जाए।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग चेयरमैन से कहा था कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानानुसार पहली अप्रैल को बैंक दर के अनुसार प्रदेश के सभी 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनके अप्रैल, मई व जून के महीने में उनके बिजली बिल में सिक्योरिटी पर ब्याज मिलता है। वर्तमान में अप्रैल मई खत्म हो गया है, और जून का बिल जमा होना शरू हो गया लेकिन बिजली कंपनियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है और ब्याज नहीं दिया हैं।
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उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि पावर कार्पोरेशन द्वारा नियामक आयोग से वर्ष 2019-20 के टैरिफ आदेश में उपभोक्ताओं को जो सिक्योरिटी पर ब्याज दिया जाना अनुमानित किया है, वह लगभग 250 करोड़ है और पावर कार्पोरेशन द्वारा आयोग को यह सूचित किया गया है कि वर्ष 2019-20 में प्रदेश के कुल विद्युत उपभोक्ताओं की जो जमा सिक्योरिटी है वह लगभग 3578 करोड़ है।
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