Agristack: योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से होगा फसलों का सटीक आकलन, किया जाएगा रियल टाइम सर्वे
Agristack: पहले चरण में प्रदेश के 21 जिलों में पूर्ण रूप से और बचे 54 जिलों के 10-10 रजस्व गांवों का डिजिटल सर्वे किया जाएगा। डिजिटल सर्वे की प्रक्रिया की शुरुआत 15 अगस्त से होगी।
Agristack: कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार का बड़ा कदम। मंगलवार को योगी कैबिनेट ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर) मंजूरी दे दी है। इससे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और फसलों के सटीक आकलन किया जा सकेगा।
इस योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों का डिजिटल डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) तैयार करने के साथ ही उनकी फसलों का GIS आधारित रियल टाइम सर्वे किया जा सकेगा। पहले चरण में प्रदेश के 21 जिलों में पूर्ण रूप से और बचे 54 जिलों के 10-10 रजस्व गांवों का डिजिटल सर्वे किया जाएगा। डिजिटल सर्वे की प्रक्रिया की शुरुआत 15 अगस्त से होगी।
योजना का मुख्य उद्देश्य
येजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को राज्य व केन्द्र के सभी योजनाओं से लाभान्वित कराने के साथ-साथ इससे जुड़ी प्रक्रिया को आसान बनाना। जैसे-किसानों को सस्ता ऋण उपलब्झ कराना, उच्चगुणवत्ता वाले कृषि इनपुट उपलब्ध कराना और बाजर तक पहुंच को आसान बना।
तैयार किया जाएगा क्रॉप सोन रजिस्ट्री
प्रदेश के किसानों का विवरण एग्रीस्टैक के अंतर्गत तैयार किए जा रहे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में असेम्बल्ड किया जाएगा। इसके साथ ही कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर उपलब्ध पंजीकृत किसानों के डेटाबेस और भूलेख के डेटाबेस को मिलाकर फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाएगा, जिसे क्रॉप सोन रजिस्ट्री का नाम दिया गया है। दर्शन पोर्टल पर पहले से उपलब्ध 3.34 करोड़ किसानों के डाटा का आधार से सत्यापन किया जा रहा है। जबकि डिजिटल क्रॉ सर्वे के माध्यम से किसानों के खेत का GIS आधारित रियल टाइम सर्वे किया जाएगा। इस कार्य को हर साल खरीफ, रबी और जायद की फसलों के समय राजस्व लेखपाल, कृषि तकनीकी सहायक, गन्ना एवं उद्यान विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी और अन्य लोगों की मदद से किया जाएगा। पांच प्रतिशत डाटा को थर्ड पार्टी से सत्यापित करवाया जाएगा। जबकि एजेंसी का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि 12 रज्यों के पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल क्रॉपसर्वे कराया जा रहा है।
इन राज्यों में किया जाएगा पूर्ण डिजिटल सर्वे
भदोही, संत कबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया व गोरखपुर। जबकि अन्य 54 जिलों के 10-10 राजस्व गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना का संचालन किया जाएगा।