Lucknow News: दिव्यांगों की मनोदशा पर बनेगी टेली फिल्म, गुमराह के निर्माता शरद आलोक करेंगे निर्माण
Lucknow News: पुनर्वास विवि में बुधवार को नार्वे में भारतीय नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र शुक्ल उर्फ शरद आलोक पहुंचे। डॉ. अमित कुमार राय, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. वीके सिंह से मुलाकात की। साथ ही दिव्यांगो के जीवन पर टेलीफिल्म बनाने की योजना बताई।
Lucknow News: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दिव्यांगों की मनोदशा पर एक टेली फिल्म बनाई जाएगी। जिसका निर्माण वैश्विका फिल्म के बैनर तले होगा। इसे हिन्दी टेली फिल्म तलाश, गुमराह और नॉर्वेजियन टेली फिल्म रायसेन तिल कनाडा बना चुके शरद आलोक बनाएंगे।
पुनर्वास विवि में बुधवार को नार्वे में भारतीय नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र शुक्ल उर्फ शरद आलोक पहुंचे। उन्होंने पुनर्वास विवि कुलपति आचार्य संजय सिंह, कुलसचिव रोहित सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. वीके सिंह से मुलाकात की। साथ ही दिव्यांगो के जीवन पर टेलीफिल्म बनाने की योजना बताई। उन्होंने कहा कि समाज की मुख्यधारा में दिव्यांगों को सम्मान के साथ स्थान दिलाने और उनकी समस्याओं के मनोवैज्ञानिक पक्षों को उजागर करना जरूरी है। इस दौरान शरद आलोक ने विश्वविद्यालय के साथ अकादमिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए एमओयू संपादित करने का भी विचार रखा। जिससे विश्वविद्यालय से भारतीय प्रतिनिधि मण्डल नार्वे और नार्वे से प्रतिनिधि मण्डल भारत आ सकेगा।
विश्व के कोने-कोने में हिन्दी बोलने वाले मिलेंगे
हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग, प्रोस्थेटिक एंड ओर्थोटिक्स विभाग की ओर से कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र के सभागार में आयोजित सृजन संवाद में मुख्य अतिथि शरद आलोक ने कहा कि विश्व के कोने-कोने में हिन्दी बोलने-समझने वाले मिल जाते हैं। सिर्फ बोलने-समझने तक ही नहीं अपितु हिन्दी की व्याप्ति भारत से बाहर, दो-सौ से अधिक देशों में है। अनेक देशों में हिन्दी भाषा और साहित्य का अध्ययन-अध्यापन हो रहा है। यह हिन्दी की सर्वमान्यता और उपयोगिता के कारण ही सम्भव है।