Lucknow News: नसरल्लाह की मौत के बाद लगातार तीसरे दिन हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन, निकाला कैंडल मार्च
Lucknow News: छोटे इमामबाड़े में मजलिस शुरू होने के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी। इसके बाद हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने बड़े इमामबाड़े की तरफ कूच कर दिया।
Lucknow News: इजरायली हमले में मारे गए हिजबोल्लाह कमांडर सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत से लोगों में फैला आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुनिया के तमाम देशों में इसकी निंदा की जा रही है। राजधानी लखनऊ में भी आज लगातार तीसरे दिन हिजबोल्लाह चीफ की मौत के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। मंगलवार की शाम चौक स्थित छोटे इमामबाड़े पर सबसे पहले शोक में मजलिस पढ़ी गई। इसके बाद कैंडल मार्च निकाला गया। छोटे इमामबाड़े में एक घंटे तक मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना साएम मेहंदी समेत कई शिया धर्म गुरुओं ने मजलिस पढ़ी। इस बीच वहां हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
बड़े इमामबाड़े की तरफ किया कूच, पुलिस विफल
छोटे इमामबाड़े में मजलिस शुरू होने के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी। इसके बाद हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने बड़े इमामबाड़े की तरफ कूच कर दिया। रास्ते में पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को जुटता देख पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी बड़े इमामबाड़े तक पहुंच गए। यहां भी आक्रोशित लोगों ने इस मामले को लेकर अपना कड़ा विरोध जताया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवाओं के साथ ही बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुए। सभी अपने हाथों में सैय्यद हसन नसरल्लाह के पोस्टर लेकर उसकी मौत का मातम मना रहे हैं।वहीं लोगों ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ भी कड़ी नाराजगी जताई है।
तीन दिवसीय शोक का आज तीसरा दिन
हिजबोल्लाह चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद लखनऊ में शिया समुदाय की तरफ से तीन दिवसीय शोक की घोषणा की गई थी। इसके तहत शिया समुदाय से जुड़े हजारों लोगों ने ने रविवार की रात बड़ा इमामबाड़ा के पास प्रदर्शन और नारेबाजी की थी। वहीं, सोमवार को छोटे इमामबाड़ा में मेहदियंस संस्था की ओर से मजलिस का आयोजन किया गया था। इसमें भी सैकड़ों लोगों ने शिरकत की थी। साथ ही तालकटोरा स्थित कब्रिस्तान में कैंडल मार्च निकाला गया था। मंगलवार को छोटे इमामबाड़ा में गमी मजलिस के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया और हजारों की संख्या में मार्च करते हुए बड़े इमामबाड़े तक पहुंच कर यहां भी विरोध जताया।