Akhilesh Yadav: मकर संक्रांति पर अखिलेश यादव ने गंगा में लगायी डुबकी, शेयर की तस्वीरें
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू परंपरा में महाकुंभ का आयोजन हजारों साल से अनवरत होता आ रहा है। सरकार से उम्मीद है कि वह श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी इंतजाम करेगी।;
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति के अवसर पर हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगायी। सपा मुखिया ने गंगा स्नान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मां गंगा का आशीर्वाद लिया।
दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने राजपाल सिंह यादव की अस्थियों के विसर्जन के लिए को हरिद्वार पहुंचे थे। उनके साथ परिवार के अन्य सदस्य भी हरिद्वार गये थे। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह यादव का बीते गुरुवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार शाम लखनऊ परिवार के लोगों के साथ देहरादून एयरपोर्ट पहुंचे थे। हरिद्वार में वह एक होटल में थोड़ी देर रुके। इसके बाद वह देर शाम गंगा स्नान के लिए पहुंचे। बुधवार को अखिलेश यादव परिवार के सदस्यों के साथ चाचा राजपाल सिंह यादव की अस्थियों का गंगा में प्रवाहित करने के बाद लखनऊ लौट आए। बताया जा रहा है कि राजपाल सिंह यादव की अस्थियों का विसर्जन भी उसी जगह पर किया गया। जहां सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अस्थियां का विसर्जन किया गया था।
प्रयागराज जाने पर दिये ये जवाब
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू परंपरा में महाकुंभ का आयोजन हजारों साल से अनवरत होता आ रहा है। सरकार से उम्मीद है कि वह श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी इंतजाम करेगी। ताकि त्रिवेणी में स्नान करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो सके। जिन साधु-संतों को हम कभी देख नहीं पाते। उन लोगों का भी महाकुंभ में हमे दर्षन का लाभ मिलता है।
महाकुंभ में स्नान करने जाने के सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि संगम तब जायेंगे। जब मां गंगा बुलायेगीं। वैसे तो मां गंगा कोलकाता तक बहती हैं। जिसको डुबकी लगानी है। वहीं कहीं भी गंगा में डुबकी लगा सकता है। सभी जगह का अपना अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि मैं मकर संक्रांति के दिन हरिद्वार में था। तो मैंने वहां पवित्र गंगा में डुबकी लगायी थी।