Akhilesh Yadav: आज स्टेशन बंद किया, कल थाना बंद कर देंगे..., अखिलेश यादव ने कसा तंज
Akhilesh Yadav: प्रयागराज संगम स्टेशन को लगातार बंद करने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार का घेराव किया है।;
Akhilesh Yadav News: महाकुंभ में लगातार श्रद्धालु की जनसागर उमड़ रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रयागराज में जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। इसके साथ ही सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें नजर आ रहे हैं। भीड़ के चलते प्रयागराज संगम स्टेशन को 28 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया है। प्रयागराज संगम स्टेशन को लगातार बंद करने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेष यादव ने भाजपा सरकार का घेराव किया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि संगम स्टेशन को बंद करके सरकार ने स्वीकार कर लिया है वह पूरी तरह से असफल हो गयी है। सरकार का कार्य प्रशासन, प्रबंधन और नियंत्रण करना होता है। न कि बंदी या फिर पाबंदी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा कि जिस तरह नोटबंदी में जनता हैरान-परेशान हो गयी थी। उसी तरह से स्टेशन बंदी से भी हो रही है। प्रभुत्ववादी भाजपा आम जनता के दुख में भी अपना सुख ही ढूँढते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का काम जनता के दुखों को कम करना होता है। लेकिन भाजपा की डबल और ट्रबल इंजन सरकार ऐसे काम करती है ताकि आम जनमानस का दुख-दर्द बढ़ा रहे और वह उसी में उलझी रहे। जिससे कि भाजपा के भ्रष्टाचारों पर उसका ध्यान न जाने पाए।
उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आज भीड़ के डर से रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया है। कल को पुलिस स्टेशन भी बंद कर देंगे क्या? इससे पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने महाकुंभ में सेना के उतारने पर भी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा कि पहले हवाई बातें कीं, अब हाथ हिला-हिलाकर हवाई सर्वे किया जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे किसी से ‘हवा में हाथ हिलाने का’ मुक़ाबला चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि हवा में आखिर कौन है जिससे अभिवादन का आदान-प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने हमलावर अंदाज में लिखा कि महाकुंभ में आखिरकार सेना को उतारना ही पड़ गया। अगर यह निर्णय पहले ही ले लिया जाता तो शायद सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने आगे लिखा कि यह समझ में नहीं आता कि किसी का दंभ आखिर इतना बड़ा भी हो सकता है कि लोगों की जान पर बन आए पर उनका अहंकार का सिंहासन टस से मस न हो।