Lucknow News: चारबाग रेलवे स्टेशन पर आशा वर्कर्स ने किया जोरदार प्रदर्शन, सरकार पर लगाया मानदेय की मांग को अनदेखा करने का आरोप
Lucknow News Today: आपको बता दें कि चारबाग रेलवे स्टेशन पर चारबाग रेलवे स्टेशन पर मानदेय से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों की आशा वर्कर्स इकट्ठा हुईं थीं।;
Lucknow News Today Asha Workers Demonstrated at Charbagh Railway Station
Lucknow News: सोमवार को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर आशा वर्कर्स ने हल्लाबोल करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। दरअसल, सभी आशा वर्कर्स चारबाग स्टेशन पर इकट्ठा होकर नारेबाजी करते हुए जा रहीं थी, लेकिन उससे पहले ही सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जिसके बाद मानदेय से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स के 11 लोगों के डेलिगेशन ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के मुलाकात की।
सरकार पर लगाया 'मांगों को अनदेखा करने का आरोप'
आपको बता दें कि चारबाग रेलवे स्टेशन पर चारबाग रेलवे स्टेशन पर मानदेय से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों की आशा वर्कर्स इकट्ठा हुईं थीं। आशा वर्कर्स ने सरकार पर मानदेय से जुड़ी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया। नाराज आशा वर्कर्स ने मौके पर नारेबाजी करते हुए कहा कि 'दो हजार में दम नहीं 20 हजार से कम नहीं; आज करो..अर्जेंट करो..परमानेंट करो'। आशा वर्कर्स का कहना था कि सरकार की ओर से आशा बहनों को 11 हजार रुपए प्रति माह के तौर पर 24 महीने के भुगतान का वादा किया गया था, जो कि अभीतक पूरा नहीं हुआ।
'भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों आशा वर्कर्स को बना रखा है गुलाम'
मौके पर प्रदर्शन में शामिल आशा वर्कर ने कहा कि देश में आशा बहनों की स्थिति बेहद खराब है, बावजूद इसके सरकार इनपर ध्यान नहीं दे रही है। ये देश पहले अंग्रेजों का गुलाम था और आज इसी देश में आजादी के बाद भ्रष्ट अधिकारियों व नेताओं ने आशा वर्कर्स को अपना गुलाम बना रखा है। सारी सेवाएं देने के बाद भी सरकार हमारे मानदेय पर ध्यान नहीं दे रही है। उनका कहना है कि आशा वर्कर्स के लिए 18 हजार रुपए से कम का वेतन स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से जब तक मानदेय को लेकर लिखित रूप से आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक आशा बहनों का विरोध जारी रहेगा।